Rajasthan: अलवर के कठूमर अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश सरिता धाकड़ ने करीब 11 साल पुराने दहेज हत्या मामले में पति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. 45 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. इस मामले में अन्य 5 आरोपियों को तीन-तीन वर्ष का साधारण कारावास और दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. जुर्माना नहीं भरने पर एक महीने का अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा दी है.
दहेज के लिए करते थे परेशान
मामले में पैरवी करने वाले वरिष्ठ लोक अभियोजक सुनील अवस्थी ने बताया कि परिवादी राजेश पुत्र ठाकुर लाल निवासी नगला खूबा ने थाना खेरली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में बताया था कि उनकी बहन राजनदेई की शादी 11 मई 2005 को सीताराम नंगला निवासी सत्यदेव के साथ हुई थी. शादी में सामर्थ्य अनुसार दहेज दिया गया था. लेकिन, उसके सुसराल वाले दहेज के लिए प्रताड़ित करते थे.
2014 में महिला की हत्या कर दी
18 नवंबर 2014 को पति सत्यदेव और परिवार के रमेश, देवेन्द्र, नेकराम और हरिओम ने कुल्हाड़ी और धारदार हथियारों से जानलेवा हमला कर मार दिया. इसके बाद केरोसीन छिड़ककर आग लगा दी. सूचना मिलने पर मृतका के परिजन और पुलिस मौके पर पहुंची. आधी जली हुई लाश मिली.
24 लोगों ने कोर्ट में दी गवाही
पुलिस ने मामले में जांच करके कोर्ट में चालान पेश किया. जिस पर अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश सरिता धाकड़ ने मुख्य आरोपी पति सत्यदेव को आजीवन कारावास एवं अलग अलग धाराओं में 45 हजार रुपए का जुर्माना लगाया. साथ ही बाकी आरोपियों को तीन वर्ष का साधारण कारावास और प्रत्येक को दस हजार का जुर्माना लगाया. मामले में 24 गवाह और 36 दस्तावेज प्रस्तुत किए गए.
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