Rajasthan: राजस्थान में सत्ता परिवर्तन के साथ ही योजनाओं की प्राथमिकताओं में भी बड़ा बदलाव देखने को मिला है. मौजूदा भाजपा सरकार ने पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार की सभी 33 प्रमुख योजनाओं को फ्लैगशिप कार्यक्रम की सूची से बाहर कर दिया है. इनमें सामाजिक सुरक्षा पेंशन, देवनारायण छात्रा स्कूटी योजना, राजीव गांधी स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस और इंदिरा रसोई जैसी जनहितकारी योजनाएं शामिल हैं.
"सियासी संदेश के रूप में देखा जा रहा"
अब इन योजनाओं की मुख्यमंत्री कार्यालय स्तर पर वैसी निगरानी नहीं होगी, जैसी गहलोत सरकार में हुआ करती थी. प्रशासनिक दृष्टिकोण से यह योजनाएं प्राथमिकता सूची से बाहर मानी जा रही हैं. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह फैसला केवल नीतिगत बदलाव नहीं बल्कि, एक सियासी संदेश भी है.
नई सरकार की अपनी 26 योजनाएं फ्लैगशिप में शामिल
भाजपा सरकार ने कांग्रेस शासन की योजनाओं की जगह खुद की 26 योजनाओं को फ्लैगशिप का दर्जा दिया है. इनमें 'लाडो प्रोत्साहन योजना', 'कर्मभूमि से मातृभूमि अभियान', ‘मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान', ‘अटल ज्ञान केंद्र', ‘मुख्यमंत्री शिक्षित राजस्थान अभियान', ‘मिशन हरियालो राजस्थान', ‘नमो ड्रोन दीदी', ‘बैंक सखी', ‘कृषि सखी' और ‘पशु सखी' जैसी योजनाएं शामिल हैं.
इसके अलावा केंद्र सरकार की ‘जल जीवन मिशन', ‘अमृत योजना', ‘प्रधानमंत्री आवास योजना', ‘प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना' और ‘स्वच्छ भारत मिशन' को भी राज्य की फ्लैगशिप योजनाओं में प्रमुखता दी गई है.
कांग्रेस शासन की प्रमुख योजनाएं जो हुईं बाहर
गहलोत सरकार की ‘निरोगी राजस्थान', ‘शुद्ध के लिए युद्ध', ‘मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना', ‘महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल', ‘मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना', ‘मुख्यमंत्री एकल नारी सम्मान पेंशन', ‘पालनहार योजना', ‘अनुप्रति कोचिंग योजना', ‘राजस्थान इन्वेस्टमेंट प्रमोशन स्कीम', ‘जन सूचना पोर्टल', ‘मुख्यमंत्री युवा संबल योजना', ‘इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना' जैसी लोकलुभावन और सामाजिक कल्याण पर केंद्रित योजनाएं फ्लैगशिप की सूची से हटाई गई हैं.
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