राजस्थानः वो सीट जहां हिंदू और मुस्लिम धर्मगुरुओं में होता है मुकाबला, भाजपा ने इस बार भी चल दिया बड़ा दांव

Rajasthan Elections 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए प्रदेश की सियासी सरगर्मी पूरे परवान पर हैं. राज्य की सभी 200 विधानसभा सीटों पर एक साथ 25 नंवबर को मतदान होना है. वोटों की गिनती तीन दिसंबर को होगी. अभी प्रदेश के दोनों बड़े दल कांग्रेस और भाजपा अपने-अपने प्रत्याशियों को फाइनल करने में जुटे हैं.

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मुस्लिम धर्मगुरु और कांग्रेस मंत्री सालेह मोहम्मद और भाजपा के घोषित प्रत्याशी महंत प्रतापपूरी.

Rajasthan Elections 2023:  भारत में चुनाव चाहे कहीं का भी हो, धर्म और जाति का मसला आ ही जाता है. इस समय राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी पूरे परवान पर है. भाजपा, कांग्रेस सहित अन्य दल अपने-अपने प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर रहे हैं. भाजपा ने अभी तक दो सूची में कुल 124 उम्मीदवारों के नाम तय कर दिए हैं  जबकि कांग्रेस ने 33 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की है. भाजपा, कांग्रेस की लिस्ट के बाद 18 सीटों पर आमने-सामने की फाइट तय हो गई है. इस बीच आज हम आपको बताने जा रहे हैं राजस्थान के उस सीट के बारे में जहां हिंदू और मुस्लिम धर्मगुरुओं में मुकाबला होता है.

इस मुकाबले को लेकर यह सीट राजस्थान की हॉट सीट बन जाती है. भाजपा ने इस सीट के लिए बड़ा दांव चल दिया है. जिसके बाद से क्षेत्र में कई तरह की चर्चाएं चल रही है. 

हिंदू बनाम मुस्लिम धर्मगुरु के मुकाबले वाली यह सीट है कि थार के रेगिस्तान के बीच बसी परमाणु नगरी पोखरण. जो अपनी गोद में हुए परमाणु परीक्षणों व प्रसिद्ध मिठाई चमचम के लिए विश्वभर में जानी जाती है. लेकिन जब चुनाव हो तो दो धर्मगुरुओं के चुनावी समर वाले पोखरण पर पूरे प्रदेश की निगाहें टिक जाती है.

भाजपा ने महंत को फिर दिया टिकट
शनिवार को जारी भाजपा की दूसरी लिस्ट में भाजपा में पोकरण से तारातरा मठ के महंत प्रतापपूरी को टिकट देकर बड़ा दांव चल दिया है. महंत प्रतापपूरी ने पिछली बार यहां से चुनाव लड़ा था. लेकिन वो मात्र 872 वोटों के अंतर से हार गए थे. कांग्रेस ने यहां से मुस्लिम धर्मगुरु सालेह मोहम्मद को मैदान में उतारा था. जो चुनाव जीतने के बाद गहलोत मंत्रिमंडल में मंत्री हैं. 

कांग्रेस भी पुराने पैटर्न पर चलेगी

हालांकि कांग्रेस ने इस बार अब तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं.लेकिन चौक-चौराहों पर जनता के बीच चर्चा है कि कांग्रेस इस बार भी मुस्लिम धर्म गुरु मंत्री सालेह मोहम्मद को चुनावी समर में उतारेगी. जिसके दो बड़े कारण बताए जा रहे है.

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1. पोखरण में करीब 2 लाख 22 हजार मतदाता है. जिसमें 58 हजार मतदाता मुस्लिम समुदाय से आते हैं. जो कांग्रेस के परम्परागत वोटर्स है.

2. पोखरण में कांग्रेस के बड़े नेता के रूप में कोई ऐसा दावेदार भी अब तक सामने नही आया है.जो सालेह मोहम्मद को रिप्लेस कर सके.

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2008 से अब तक कांग्रेस ने सालेह को दिया है टिकट
2008 के परिसीमन में पोकरण विधानसभा का गठन किया गया था. तब से लेकर अब तक हुए तीन विधानसभा चुनाव में मुस्लिम धर्मगुरु सालेह मोहम्मद को कांग्रेस ने चुनाव समर में उतारा. जिसमें से दो बार सालेह मोहम्मद को जनता ने चुनकर विधानसभा भेजा.

NDTV राजस्थान ने समझा लोगों का मुड 
रविवार को एनडीटीवी राजस्थान की टीम ने चौक-चौराहों पर लोगों से चुनावी रुख समझने की कोशिश की. साथ ही लोगों के मुद्दें भी समझें. पोखरण की जनता ने मिलीजुली प्रतिक्रिया दी. किसी ने वर्तमान में विधायक के कामों और सरकार की योजनाओं का लाभ मिलने की बात कही तो वहीं कुछ लोगों ने केवल घोषणा को खोखला बताया. किसी ने कहा कि इस बार भाजपा की सरकार बनेगी तो किसी ने फिर कांग्रेस सरकार रिपीट होने की उम्मीद जताई. 

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पोखरण में इस बार के बड़े चुनावी मुद्दे :-

1. पोखरण को जिला मनाने की मांग को लेकर जनता कांग्रेस सरकार से नाराज.
2. पोखरण शहर में भाजपा के नगरपालिका बोर्ड से जनता नाराज.
3. गंदा पानी पीने के मजबूर है पोकरण की जनता.
4. परमाणु नगरी को पर्यटन नगरी के रूप में बढ़ावा देने का है मुद्दा.
5. चिकित्सा व शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की मांग.
6. दयनीय सुरक्षा व्यवस्था, पिछले कुछ समय में चोरी की हुई सैकड़ों वारदात.
7. विद्यालयों व महाविद्यालय में रिक्त पड़े सैकड़ों पद.

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