Rajasthan Fake Degree: SOG एडीजी बोले- लंबे समय से चल रहा फर्जी डिग्री का खेल, 10 साल में हुई कई लोगों की नौकरियां

एसओजी एडीजी वीके सिंह ने कहा है इस गैंग का लंबे समय से खेल चल रहा है. पिछले 10 साल में फर्जी डिग्रियों के सहारे कई लोगों को नौकरियां दिलाई गई.

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एसओजी एडीजी वीके सिंह

Rajasthan Fake Degree Case: राजस्थान में हुए एसआई पेपर लीक मामले में शामिल माफिया और फर्जी डिग्री गिरोह पर लगातार कार्रवाई हो रही है.  स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) लगातार इस मामले में संलिप्त लोगों की छानबीन कर रही है और गिरफ्तारी कर रही है. हाल ही में SOG ने फर्जी डिग्री बनाने वाले गिरोह पर बड़ी कार्रवाई की है. जहां आरोपियों के घर से फर्जी डिग्री का जखिरा बरामद किया गया था. तलाशी में ओपीजेएस की 20 मार्कशीट, माइग्रेशन सर्टिफिकेट 25 खाली व 32 भरे हुए मिले हैं. प्रोविजनल सर्टिफिकेट 66 खाली व 8 भरे हुए मिले. इसके अलावा ओपीजेएस के चरित्र प्रमाण पत्र, यूनिवर्सिटी की 7 जाली मुहर, 44 उत्तर पुस्तिकाएं जिनमें से 3 भरी हुई मिली.

अब शुरुआती जांच में ही फेक डिग्री के मामले में जिस तरह से चीजें सामने आई है. उसको देखकर तो लगता है कि यह मामला एसआई भर्ती परीक्षा पेपर लीक की तरह ही बड़ा हो सकता है.

फर्जी डिग्री में सरकारी सेवाओं में लगे लोगों पर कसेगा शिकंजा

राजस्थान में एसओजी ने फर्जी डिग्री तैयार करने वाले गिरोह के सदस्यों से कई यूनिवर्सिटी की फर्जी डिग्रियां बरामद हुई थी. एसओजी ने दलाल सुभाष पूनिया समेत 6 लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया है. उनके पास से दर्जनों मार्कशीट, कई खाली आंसर शीट, मुहर और दस्तावेज बरामद हुए थे. बरामद दस्तावेजों से इन फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी करने वालों का भी पता चला था. गिरफ्तार आरोपी मनदीप ने अपनी पत्नी को इसी फर्जी डिग्री के आधार पर सरकारी नौकरी दिलाई. एसओजी अब इस मामले की और गहनता से जांच कर रही है और सरकारी सेवाओं में लगे लोगों पर शिकंजा कसने की तैयारी में है.

एसओजी एडीजी ने कहा लंबे समय से चल रहा है खेल

वहीं एसओजी की कार्रवाई के बाद एसओजी एडीजी वीके सिंह ने कहा है कि जो शिकायतें मिली है वह अयोग्य लोग हैं. जो भी परीक्षा होती थी. उसमें यह लोग अपियरिंग लिख देते थे. इसके बाद यूनिवर्सिटी से उसकी फर्जी डिग्री प्राप्त कर लेते थे. हमें बड़ी संख्या में दस्तावेज भी मिले हैं. उन्होंने कहा कि इस गैंग का लंबे समय से खेल चल रहा है. पिछले 10 साल में फर्जी डिग्रियों के सहारे कई लोगों को नौकरियां दिलाई गई. लेकिन SOG उन सभी सरकारी कर्मियों पर भी नकेल कसने की तैयारी में हैं. फर्जीवाड़ा करने वाला और कराने वाला दोनों एक दूसरे को जानते थे.

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