12 हजार फर्जी दस्तावेज बनाने वाला राजस्थान का मास्टर माइंड, 50 रुपये में बनाता था Aadhar-Voter ID से लेकर DL और राशन कार्ड

राजस्थान में फर्जी दस्तावेज बनाने वाला एक मास्टर माइंड गिरफ्तार किया गया है. वह अब तक 16 लाख रुपये का फर्जी दस्तावेज तैयार कर चुका है. कई राज्यों के आईडी और अन्य दस्तावेज तैयार कर देता था.

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नीरज मीणा

Rajasthan Fake Document Master Mind: राजस्थान में फर्जी दस्तावेज बनाने वाला मास्टर माइंड पकड़ा गया है. जिसने न केवल आधार और वोटर आईडी जैसे फर्जी आईडी बनाने का काम करता था बल्कि ड्राइविंग लाइसेंस से लेकर राशन कार्ड और मूल निवास प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज बनाया. राजस्थान का इस मास्टर माइंड ने अब तक फर्जी वेबसाइट के जरिए 12000 से ज्यादा डुप्लीकेट दस्तावेज बनाए हैं. जबकि पुलिस को 38,500 फर्जी दस्तावेज बनाने का प्रमाण मिला है. जबकि फर्जी दस्तावेज बनाने का काम महज 50 रुपये में करता था और इसके लिए कई राज्यों में चेन बना रखी थी.

राजस्थान में इन दिनों साईबर शील्ड अभियान चलाया जा रहा है. इसके तहत टोंक पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है. जिसमें नीरज मीणा नाम के शख्स को गिरफ्तार किया है. जब इसके बारे में पुलिस को जानकारी मिली तो फर्जी दस्तावेज बनाने का काले कारोबार का खुलासा हुआ. अब इस मामले में बड़े खुलासे की उम्मीद की जा रही है.

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स्कूल मैनेजमेंट संभालता था नीरज मीणा

पुलिस की जानकारी के मुताबिक, नीरज मीणा एक निजी स्कूल का मैनेजमेंट संभाल रहा था. जिसकी आड़ में वह फर्जी आधार कार्ड, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस, राशन कार्ड, मूल निवास प्रमाण पत्र से लेकर अन्य कई तरह के फर्जी दस्तावेज बनाने का काम करता था. बताया जाता है कि नीरज पहले ई मित्र कियोस्क चलाता था. यहीं से उसने फर्जी दस्तावेज बनाने का काम शुरू किया. इसके लिए उसने फर्जी वेबसाइट भी बनाए और इसके जरिए 12 हजार से ज्यादा नकली दस्तावेज बना कर बेचे. इसका डेटा भी पुलिस को मिला है. 

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टोंक पुलिस अधीक्षक विकास सांगवान ने इस पूरे मामले का खुलासा करते हुए बताया कि आरोपी नीरज मीणा पहले राजमहल में ई मित्र कियोस्क चलाता था. बिहार समेत अन्य राज्यों में भी नीरज की वेबसाइट का उपयोग होना पाया गया है और उन प्रदेशों में भी कई लोग इस चेन से जुड़े हुए हैं.

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30 से 50 रुपये में बनाता था फर्जी दस्तावेज

नीरज मीणा की गिरफ़्तारी के बाद पुलिस को अब इस गिरोह के अन्य लोगों की गिरफ़्तारी से कई बड़े खुलासों की उम्मीद है. बताया जाता है कि फर्जी दस्तावेज मात्र 30 से 50 रूपये में बनाये जाते थे.  टोंक पुलिस गैंग के अन्य लोगों की तलाश और गिरफ्तारी के लिये अन्य राज्यों की पुलिस की मदद लेने जा रही है. वहीं पुलिस तीन माह पूर्व के डिलेट डाटा को रिकवर करने के भी प्रयास कर रही है.

16 लाख रुपये का फर्जी दस्तावेज बेच चुका है

गिरफ्तार आरोपी नीरज मीणा से पुलिस ने एक लेपटॉप और एक आईफोन भी जब्त किया है. जबकि आरोपी 16 लाख रुपये का फर्जी तैयार कर बेच चुका है. पुलिस के अनुसार आरोपी ने अब तक 5639 आरसी, 1273 ड्राइविंग लाइसेंस, 167 राशन कार्ड, 8 आधार से राशन, 6891 पेन कार्ड, 4645 जन्म प्रमाण पत्र, 12625 कार्ड मैन्युल, 4376 आधार प्रिंट, 6583 आधार डेटाफेच, 1635 वोटर मोबाइल लिंक, 1233 वोटर आईडी कार्ड एवं 3354 आधार डेटा अपडेट कर चुका है. इस मामले को लेकर टोंक पुलिस ने UIDAI को भी जानकारी दी है. आरोपी की पूरी डिटेल खंगालने में जुटी है. इसके तार उतर प्रदेश और छत्तीसगढ़ से जुड़े हैं इसकी भी जांच हो रही है.

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