Rajasthan News: राजस्थान में भीलवाड़ा जिले के मेजा बांध की नहर में एक माह पहले 11 नवंबर को सिंचाई के लिए पानी छोड़ा जा रहा है. मगर अभी भी पांच गांव के किसानों को मेजा बांध का पानी सिंचाई के लिए नहीं मिल पा रहा है. इसको लेकर पांचो गांव के प्रतिनिधियों ने सोमवार को भीलवाड़ा कलेक्ट्रेट पर कुछ किसानों के साथ प्रदर्शन किया. जिसमें ग्रामीणों ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि या तो उनकी समस्या का समाधान कर दिया जाए नहीं फिर आंदोलन होगा.
पिलाई के लिए नहीं मिला पानी
किसान नेता बृजराज सिंह शेखावत ने बताया कि उनके गांव सहित पांच गांव में पिछले 9 दिन से किसानों को मेजा बांध की आने वाली नहर से पानी का इंतजार है. किसानों ने खाद बीज सब डाल रखा है, मगर सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है. मेजा बांध की पुर-बोरडा माइनर नहर में कुछ शरारती लोगों ने नहर में पत्थर लगाकर पानी का मार्ग अवरुद्ध कर रखा है. विभाग के नहर संचालन में मॉनिटरिंग के अभाव में आगे के पांच गांव के किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जिसके कारण हमें खेतों में पिलाई के लिए भी पानी नहीं मिल पा रहा है.
ग्रामीणों का आरोप 20 दिन बाद खोली नहर
मेजा बांध की दांयी मुख्य नहर का पुर बोरड़ा माईनर की लम्बाई ज्यादा होने और माईनर आगे जाकर दो भागो में विभक्त होती है. करीब 5 गांवों की कृषि भूमि पिलाई में पिलाई नहीं हुई है. वहीं हमेशा से माईनर मुख्य नहर खुलने के 5 दिन बाद माईनर खोला जाता आ रहा है. परन्तु इस वर्ष अधिकारियों ने माईनर को नहर खुलने के 20 दिन बाद खोला था. जिस कारण हमारे खेतों की पूर्णतया पिलाई नहीं हो पा रही है.
पुर, बोरड़ा माईनर के आस पास शहरी क्षेत्र में निर्माण कार्य होने से माईनर क्षतिग्रस्त हो गयी है. कई वर्षों से नहर नहीं चलने के कारण उसमें मलवा और गंदगी भर गई है. जिससे नहर जगह-जगह से टूट गई है. जिसकी काश्तकारों मरम्मत कर रहे है. बोरड़ा, पुर, जाटो का खेड़ा, बिलिया हजारीखेड़ा, मंगलपुरा के किसान सिंचाई के लिए पानी वितरण की समस्या से परेशान है.
यह भी पढ़ें- थाने के बाहर पुलिसकर्मी को युवक ने सड़क पर पटका, चाकू से किया हमला; VIDEO आया सामने