NDTV Ground Report: 1 बीघा में एक बोरी की उपज, दानों में दम नहीं... दाम गिरे, बारिश से राजस्थान के किसानों की दुर्दशा

Rajasthan Crop Damage: राजस्थान में भारी बारिश के कारण किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. मक्का, उड़द, सोयाबीन किसानों की हालत खराब है. किसान का कहना है कि कर्जा लेकर बुवाई की अब मजदूरी करेंगे. पढ़े एनडीटीवी की ग्राउंड रिपोर्ट.

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Crop Damage Due to Rain: राजस्थान में इस बार जमकर बारिश हुई. इससे प्रदेश के लगभग सभी बड़े बांध भर गए. बारिश से जलसंकट की चुनौती तो दूर हुई लेकिन किसानों की कमर टूट गई है. भारी बारिश के कारण राजस्थान के किसानों को भारी नुकसान का सामना पड़ा है. उपज सामान्य से काफी कम हो गया है. फसल के जो दाने तैयार हुए, उसमें दम नहीं है. ऐसे में किसानों को सही दाम नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में अब राजस्थान के किसानों दोहरी चिंता में फंसे हैं.

राजस्थान का धान का कटोरा कहे जाने वाले बूंदी से ग्राउंड रिपोर्ट

पहली तो किसानों को जैसी उम्मीद थी वैसी उपज नहीं मिली. दूसरी साहुकारों से कर्ज लेकर खेती तो कर लिया लेकिन अब उसे चुकाएंगे कैसे. एनडीटीवी ने राजस्थान के किसानों की दर्द को समझने की कोशिश की. राजस्थान में धान का कटोरा कहे जाने वाले बूंदी में बारिश से किसानों का क्या हाल किया है, पढ़ें इस ग्राउंड रिपोर्ट में.

मंडी में किसानों को नहीं मिल रहे खरीदार

धान की खेती के लिए बूंदी को राजस्थान का धान का कटोरा कहा जाता है. लेकिन इस साल बूंदी जिले में हुई भारी बारिश और बाढ़ किसानों की फसलों के लिए कहर बनकर आई. पहले कुदरत ने किसानों को दर्द दिया अब किसान मंडी के फसल को लेकर पहुंच रहे हैं तो उन्हें खरीदार नहीं मिल रहे. जो मिल रहे हैं वो कम कीमत दे रहे हैं. 

बारिश से फसल हुई खराब.

मक्का, सोयाबीन, उड़न के किसानों को भारी नुकसान

जिले के मक्का, सोयाबीन, उड़द के किसानों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है. क्षमता से अधिक बरसात होने के चलते खेतों में 4 से 5 फीट पानी घुस जाने के चलते फसले पूरी तरह से खराब हो गई. इस बार जिले में करीब 2 से 3 हजार बीघा फसले बारिश के चलते जलमग्न होकर खराब हो गई. 

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एक बीघे में 8-10 बोरी की जगह एक बोरी की उपज

किसान को एक बीघा में जहां 8 से 10 बोरी मक्का या सोयाबीन की निकलती थी वो अब 1 बीघा में 1 बोरी निकल रही है. बूंदी मंडी में आए किसानों ने एनडीटीवी से कहा कि सब कुछ बाढ़ बारिश के पानी में तबाह हो गया. लाखों की कमाई में पानी फिर गया. अब हमारा घर खर्च कैसे चलेगा संकट खड़ा हो गया है.

बारिश से मक्के की फसल बुरी तरह हुई खराब.

मजदूरी करने को मजबूर हुए किसान

किसानों ने आगे कहा कि यह साल तो पूरा कर्जे में ही चला गया अब मजदूरी कर घर कर चलाएंगे और कर्जा चुकाएंगे. किसानों ने कहा कि फसले पूरी तरह से कीचड़ में तब्दील हो चुकी है अब उन फसल को जानवर तक भी नहीं खाएंगे. अभी भी मौसम विभाग में बरसात की चेतावनी दी है. 

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बूंदी जिले के नैनवा, हिंडोली, गेंडोली, लाखेरी के किसान बड़ी संख्या में इन्हीं फसलों को बुवाई करते हैं लेकिन इस बार बाढ़ बारिश के चलते फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है. 

किसान नरसी दास का दर्द, 90 फीसदी फसल हुई बर्बाद

बूंदी जिले के राम नगर निवासी किसान नरसी दास ने बताया कि तेज बारिश के चलते मक्के की फसल बर्बाद हो गई. 6 से 7 बीघा पर मक्का किया हुआ था और 90% फसल तैयार हो चुकी थी लेकिन बरसात के कारण पूरी फसल जल मग्न हुई और पूरा पौधा खराब हो गया. पूरे बीघा में केवल एक बोरी ही मक्का की निकली है और वही मंडी में लेकर आया हूं.

बूंदी मंडी में एनडीटीवी को अपनी परेशानी बताते किसान.

इसी तरह जिले के अजेता गांव निवासी भवानी शंकर, कुवारती गांव निवासी फूलचंद, जवाठी कला निवासी राधेश्याम ने बताया कि प्रशासन को सूचना देने के बावजूद भी प्रशासन एक बार भी मौके पर आकर हालातों का जायजा लेने तक नहीं पहुंचा. 

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खेतों में काफी दिनों तक भरा था पानी

किसानों को फसल बुवाई करते समय हजारों रुपए का खर्चा होता है. तब जाकर किसानों को फसल उपज होने के बाद मुनाफा मिलता है लेकिन इस बार तो इस क्षेत्र के किसानों के साथ बड़ा नुकसान हुआ है. जिले में हुई तेज बारिश के चलते नालों, खालों में उफान आने से खेतों में पानी भरने से खरीफ की फसल उड़द, मक्का, सोयाबीन, तिल्ली आदि फसलें खेतों में पानी भरने से जलमग्न हो गई थी.

वही मुंगफली, पशुओं के चारे सहित अन्य फसलों मे नुकसान हुआ है. खेतों में तीन से चार फीट पानी भरा हुआ था. बारिश के दिनों में फसले पूरी तरह से जलमग्न थी और दूर-दूर तक ऐसा नजारा है कि मानो यहां से नदी गुजर रही हो.

बूंदी के साथ-साथ राजस्थान के और भी कई जिलों में भारी बारिश से किसानों को नुकसान हुआ है. डीग में तो एक किसान ने आत्महत्या तक कर ली.  

धूप में फसल सुखा रहे हैं किसान

जिले के किसान अपनी फसल को धूप में सुखा रहे हैं. ताकि उनका दाने से नमी समाप्त हो और उससे अच्छा दाम मिले. बूंदी मंडी में सोयाबीन की फसल दाम 4 से 5 हजार प्रति क्विंटल, उड़द 5 से 8 हजार, मक्का 1500 से 2400 प्रति क्विंटल भाव चल रहे है. पिछले साल की तुलना में 1 हजार से 500 रुपए भाव की कमी देखी गई है. 

बारिश से खराब हुई फसल को धूप में सुखाते किसान.

अधिकारी बोले- नुकसान का कर रहे आंकलन

एनडीटीवी राजस्थान की टीम ने कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक महेश कुमार शर्मा से बात कि तो उन्होंने बताया कि बूंदी जिले में धान की फसल का करीब 81 हजार हेक्टेयर में रकबा हुआ था. मुख्यतः चावल की फसल बूंदी में की जाती है. लेकिन कुछ किसान समय पर पानी नहीं मिलने के चलते उड़द, मक्का, सोयाबीन की फसल भी करते हैं.

किसानों को इस बार अति भारी बारिश होने के चलते नुकसान हुआ है. 80 से 90% फासले बारिश के चलते खराब हो चुकी है. पिछले दिनों जिला कलेक्टर से हुई बैठक में निर्देश मिले हैं कि राजस्व विभाग द्वारा ऐसे इलाकों का सर्वे करवरकर नुकसान का आंकलन कर रहा है. सर्वे रिपोर्ट प्राप्त होने पर जल्दी राज्य सरकार को रिपोर्ट भिजवाई जाएगी और किसानों को मुआवजा दिलवाया जाएगा.

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