Gangaur 2025: जयपुर में भव्य रूप में दिखेगा गणगौर महोत्सव, ड्रोन से होगी पुष्प वर्षा, 200 एलईडी स्क्रीन पर होगा लाइव प्रसारण

Rajasthan News: राजस्थान में गणगौर महोत्सव इस बार और भी भव्य रूप में मनाया जाएगा. इस बार की शाही सवारी में कलाकारों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ कई नए आकर्षण भी जोड़े गए हैं.

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गणगौर माता की शाही सवारी

Rajasthan News: राजस्थान की समृद्ध संस्कृति और आस्था का प्रतीक गणगौर महोत्सव इस बार और भी भव्य रूप में मनाया जाएगा. पर्यटन विभाग ने इस महोत्सव को खास बनाने के लिए कई नई योजनाएं बनाई हैं. इस बार की शोभायात्रा में कलाकारों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ कई नए आकर्षण भी जोड़े गए हैं. गणगौर की शोभायात्रा शाम 6 बजे से जयपुर सिटी पैलेस की जनाना ड्योढ़ी से शुरू होगी. इसके लिए इस बार विशेष आकर्षण रखे गए है.

ये होंगे मुख्य आकर्षण

 पहली बार ड्रोन से बरसाए जाएंगे फूल:

 इस बार गणगौर माता की  शोभायात्रा में पहली बार ड्रोन के जरिए पुष्पवर्षा की जाएगी, जो इस महोत्सव को और भी यादगार बना देगी.

200 LED स्क्रीन पर सीधा प्रसारण:

 प्रदेश भर में  इस शाही सवारी का सीधा प्रसारण होगा. जिसे 200 LED स्क्रीन पर दिखाया जाएगा., जिससे लोग घर बैठे ही इस भव्य आयोजन का आनंद ले सकेंगे.

कलाकारों की संख्या में वृद्धि: 

शोभायात्रा में 250 लोक कलाकार हिस्सा लेंगे, जिससे यह आयोजन और भी रंगारंग होगा.

विशेष आयोजन:

छोटी चौपड़ पर गणगौर माता की सवारी के स्वागत के लिए तीन भव्य मंच बनाए जाएंगे, जिन पर लोक कलाकारों की प्रस्तुतियां और गणगौर माता की पूजा होगी.

अतिरिक्त व्यवस्था: 

शोभायात्रा में 3 अतिरिक्त हाथी, 12 घोड़े, 6 सजे-धजे ऊंट और 2 विक्टोरिया बग्गी शामिल की जाएंगी। पर्यटकों के लिए विशेष बैठने की व्यवस्था की गई है.

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लाईव स्ट्रीमिंग:

पर्यटन विभाग के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी लाईव स्ट्रीमिंग की जाएगी.

250 लोक कलाकार लेंगे हिस्सा 

पर्यटन विभाग ने बताया कि गणगौर की सवारी 31 मार्च और 1 अप्रैल को शाम 5:45 बजे से निकाली जाएगी. इस बार शाही सवारी में 250 लोक कलाकार हिस्सा लेंगे. इसमें  सजी-धजी पालकियों, ऊंट, घोड़ों और हाथियों के लवाजमे की संख्या में भी 50% बढ़ोतरी की गई है.

गणगौर को भव्य बनाने के लिए पर्यटन विभाग कर रहा हरसंभव प्रयास

गणगौर महोत्सव न केवल आस्था और परंपरा का प्रतीक है, बल्कि यह देश-विदेश के पर्यटकों को राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने का भी एक महत्वपूर्ण अवसर है. पर्यटन विभाग इस बार के आयोजन को और भी भव्य बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है, ताकि राजस्थान की संस्कृति को वैश्विक मंच पर पहचान मिल सके.

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