फोन टैपिंग मामले में राजस्थान सरकार हुई सक्रिय, अशोक गहलोत को घेरने की बना रही यह रणनीति

राजस्थान के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने अब एक आवेदन दायर कर कहा है कि Phone Tapping मुकदमे में अब कोई दम नहीं है. इसे वापस लेने की सिफारिश की है.

Advertisement
Read Time: 3 mins

Rajasthan News: राजस्थान में साल 2020 में पूर्व की अशोक गहलोत की सरकार में फोन टैपिंग (Rajasthan Phone Tapping Case)का मामला सामने आया था. फोन टैपिंग मामले में गजेंद्र सिंह शेखावत और अशोक गहलोत आमने सामने थे. जिसमें गजेंद्र सिंह शेखावत ने साल 2021 में दिल्ली हाई कोर्ट में अशोक गहलोत और उनके उस वक्त के OSD लोकेश शर्मा के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था. उस वक्त केस दर्ज होने के बाद दिल्ली पुलिस की टीम राजस्थान में जांच करने आई थी जिसे राज्य सरकार द्वारा रोका गया था. वहीं इस जांच को रोकने के लिए अशोक गहलोत की सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. जिस पर आज तक सुनवाई नहीं हो सकी. अब इस मामले में वर्तमान की राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है.

चूकि सुप्रीम कोर्ट में याचिका राज्य सरकार की ओर से दी गई थी. इस वजह से वर्तमान की भजनलाल सरकार ने इस याचिका को वापस ले लिया है.

Advertisement

महाधिवक्ता ने कही यह बात

राजस्थान के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने अब एक आवेदन दायर कर कहा है कि इस मुकदमे में अब कोई दम नहीं है. इसे वापस लेने की सिफारिश की है. उन्होंने ये भी कहा है कि दलीलों, अभिलेखों और मामले के समग्र तथ्यों सहित, परिस्थितियों की जांच करने के बाद, मुकदमा कायम नहीं रह पाता और इसे आगे बढ़ाने से कोई प्रभावी उद्देश्य पूरा नहीं होगा. इसलिए न्याय के हित में और माननीय न्यायालय का बहुमूल्य समय बचाने के लिए राज्य सरकार ने मुकदमा वापस लेने का निर्णय लिया है.

Advertisement

गहलोत को घेरने की हो सकती है रणनीति

फोन टैपिंग के मामले में गजेंद्र सिंह शेखावत ने अशोक गहलोत पर केस दर्ज कराया था. वहीं फोन टैपिंग के मामले में अब भी फैसला आना बाकी है. माना जा रहा है कि इस मामले में सितंबर में सुनवाई हो सकती है. वहीं केंद्र की एजेंसी को जांच से रोकने के लिए किया गया मुकदमा वर्तमान सरकार ने वापस ले लिया है. ऐसे में इससे इनकार नहीं किया जा सकता है कि केंद्र की एजेंसी अब राजस्थान में आकर फोन टैपिंग मामले में और भी जांच कर सकती है. इस मामले में मुख्य रूप से अशोक गहलोत और लोकेश शर्मा आरोपी हैं. ऐसे में अशोक गहलोत की मुश्किलें बढ़ सकती है.

Advertisement

आपको बता दें, साल 2020 में जुलाई-अगस्त महीने में अशोक गहलोत की सरकार अस्थिर हो गई थी, जिसमें तत्कालीन डिप्टी सीएम सचिन पायलट गुट के बीच कलह सामने आई थी. सचिन पायलट अपने खेमे के 19 विधायकों के साथ मानेसर में कैंप कर रहे थे. इस दौरान कुछ ओडियो वायरल हुआ था. यह खरीद फरोख्त जैसे बातों से जुड़ा था. इसमें गजेंद्र सिंह चौहान का नाम भी शामिल हुआ था. जिसके बाद उन्होंने अशोक गहलोत के खिलाफ केस दर्ज करवाया था.

यह भी पढ़ेंः पूर्व सीएम गहलोत ने जोधपुर के लॉ एंड ऑर्डर पर उठाया सवाल, कही ये बड़ी बातें