फसल क्षति मुआवजे के लिए अब राजस्थान के किसान खुद से कर सकेंगे गिरदावरी, जानिए ई-गिरदावरी की पूरी प्रक्रिया

राजस्थान सरकार ने किसानों को राज किसान गिरदावरी ऐप के माध्यम से स्वयं गिरदावरी करने की सुविधा प्रदान की है. इसके तहत किसान अब मोबाइल ऐप का उपयोग करके अपनी फसल की गिरदावरी कर सकते हैं. जिसे पटवारी प्रमाणित करेंगे.

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Rajasthan News: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के द्वारा की गई बजट घोषणा के अनुसार राज्य सरकार की ओर से किसानों को अब ऐप के माध्यम से स्वयं गिरदावरी करने की सुविधा प्रदान की गई है. सवाई माधोपुर जिला कलक्टर शुभम चौधरी ने जिले के सभी काश्तकारों से अधिक से अधिक राज किसान गिरदावरी ऐप का उपयोग कर फसल की गिरदावरी स्वयं करने की सुविधा का लाभ उठाने की अपील की है.

जन आधार को करें ऐप से लिंक

जिला कलक्टर ने बताया कि रबी गिरदावरी का कार्य मोबाइल ऐप के माध्यम से एक जनवरी 2025 से कराया जाना है. जिसमें गिरदावरी अधिकाधिक स्वयं किसानों द्वारा की जानी है. प्रति तहसील न्यूनतम 10 प्रतिशत गिरदावरी किसानों द्वारा ही करवाने हेतु निर्देश दिए गए हैं. साथ ही अधिकाधिक किसानों द्वारा अपने जन आधार को ऐप पर खसरे से लिंक करवाया जाना है.

गिरदावरी को पटवारी करेंगे प्रमाणित

कलेक्टर ने बताया कि राज किसान गिरदावरी ऐप https://play.google.com/store/apps/details id=com. risl. kisangirdawari के माध्यम से किसान स्वयं भी गिरदावरी कर सकेंगे. किसान द्वारा की गई गिरदावरी को संबंधित पटवारी प्रमाणित करेंगे. जिला कलक्टर ने किसानो को इस संबंध में जागरूक करने के लिए समस्त तहसीलदारों और पटवारियों को ग्राम सभा में जागरूक करने के निर्देश दिए हैं. किसान नजदीकी ई-मित्र के माध्यम से भी गिरदावरी करवा सकते हैं.

जाने ई-गिरदावरी की प्रक्रिया 

ई-गिरदावरी के लिए राज किसान गिरदावरी ऐप पर जन आधार से लॉगिन करें. इसके बाद आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर ओटीपी प्राप्त होगा. ओटीपी के माध्यम से वेरिफिकेशन के बाद ऐप लॉगिन हो जाएगा. ऐप में लॉगिन करने के बाद ‘फसल विवरण जोड़ें' पर क्लिक करें. इसके बाद जनाधार से जुड़े खसरे का ऑप्शन और खसरा सर्च करें का ऑप्शन. खसरा सर्च करने पर एक साधारण पेज खुलेगा जिसमें जिला, तहसील और गांव का चयन करें. 

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खसरा अंकित करें और कैलिब्रेट करें पर क्लिक करें. कैलिब्रेशन के बाद गिरदावरी सीजन, फसल का चयन करें और खसरे का एरिया हेक्टेयर में अंकित करें. फसल सिंचित है या असिंचित, सिंचाई का स्रोत, फलदार पेड़ों की संख्या आदि विवरण भरें और खेत की फोटो अपलोड करें. सभी विवरण भरने के बाद प्रिंट प्रिव्यू का ऑप्शन दिखेगा. यहां क्लिक करें और फिर सबमिट का ऑप्शन चुनें. सबमिट करने पर एक पंजीकरण संख्या प्राप्त होगी.

यह है गिरदावरी ऐप के फायदे

किसानों की ओर से स्वयं ऑनलाइन गिरदावरी करने से गिरदावरी कार्य में समस्या समाधान होगा, वास्तविक फसल की गिरदावरी करना संभव हो सकेगा. फसल का अंकन समुचित रूप से हो पाएगा, फसल गिरदावरी वास्तविक फसल के आधार पर हुई है. इस बात को लेकर किसान पूर्ण रूप से संतुष्ट रहेगा.

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