Rajasthan: जयपुर विकास प्राधिकरण में 632 गांव शामिल, मास्टर प्लान 2047 को लेकर सरकार का बड़ा कदम

राजस्थान की राजधानी जयपुर में JDA ने 632 गांवों को अपने विकास क्षेत्र में शामिल किया है. DPRC नियम लागू होने से ग्रामीण इलाकों में नियोजित विकास होगा.

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जयपुर विकास प्राधिकरण में 632 गांव शामिल हुए.

Rajasthan News: राजस्थान की राजधानी में जयपुर विकास प्राधिकरण यानी JDA ने एक बड़ा कदम उठाते हुए जयपुर जिले के आसपास के 632 गांवों को अपने विकास क्षेत्र में शामिल कर लिया है. इन गांवों के लिए डेवलपमेंट प्रमोशन एंड कंट्रोल रेगुलेशन यानी DPRC को लागू किया गया है. इस बदलाव से ग्रामीण इलाकों में विकास की गति तेज होगी और सब कुछ नियोजित तरीके से होगा.

हाईवे जोन में सख्त नियंत्रण

DPRC के नियमों के अनुसार राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों के दोनों तरफ 500 मीटर तक के इलाके को हाईवे डेवलपमेंट कंट्रोल जोन घोषित किया गया है. अब इस जोन में कोई भी निर्माण कार्य या व्यापारिक गतिविधि JDA के तय मानकों के मुताबिक ही हो सकेगी.

इससे सड़कों पर अव्यवस्था कम होगी और सुरक्षा बढ़ेगी. नियमों में सड़कों की न्यूनतम चौड़ाई प्लॉट के आकार और कस्बों के लिए विशेष प्रावधान शामिल हैं जो विकास को संतुलित बनाएंगे.

मास्टर प्लान 2047 का विस्तार

राज्य सरकार ने मास्टर प्लान 2025 की अवधि खत्म होने के बाद मास्टर प्लान 2047 को अमल में लाया है. इसके तहत फागी चाकसू जोबनेर शाहपुरा जैसे पांच शहरी निकायों को JDA के दायरे में जोड़ा गया है.

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यह योजना जयपुर के आसपास के क्षेत्रों को योजनाबद्ध ढंग से विकसित करने पर जोर देती है जिससे बुनियादी सुविधाएं जैसे पानी बिजली सड़कें और स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होंगी. सरकार का कहना है कि इन बदलावों से विकास में समानता आएगी और भविष्य में लोगों का जीवन स्तर ऊंचा उठेगा.

ग्रामीणों की प्रतिक्रियाएं: उम्मीदें और चिंताएं

पंचायत समिति के बास बावड़ी गांव जाकर स्थानीय लोगों से बात की. जिसमें ग्रामीणों ने मिली-जुली राय दी. कुछ ने नए नियमों को विकास का सुनहरा अवसर बताया जो रोजगार और सुविधाएं बढ़ाएंगे. वहीं कुछ ने चिंता जताई कि सख्त नियम छोटे किसानों या दुकानदारों के लिए मुश्किल पैदा कर सकते हैं.

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एक ग्रामीण ने कहा "यह बदलाव अच्छा है लेकिन हमें इसमें शामिल किया जाए ताकि हमारी जरूरतें भी पूरी हों." कुल मिलाकर यह कदम जयपुर को एक आधुनिक महानगर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है जो ग्रामीण-शहरी अंतर को कम करेगा.

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