राजस्थान सरकार ने विधानसभा चुनाव के दौरान जारी किए गए संकल्प पत्र पर काम करना शुरू कर दिया है. पेपरलीक मामले में एसआईटी की गठन, अपराधियों पर नकेल के लिए एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स के बाद अब राज्य सरकार ने जैन समुदाय के साधु, साध्वियों के चातुर्मास विहार के दौरान सुरक्षा प्रदान करने का आदेश जारी किया है. साथ ही जैन साधू, साध्वियों को भूमि आवंटित करवाने के संबंध में भी जिला कलेक्टर को निर्देश जारी किए हैं.
राजस्थान सरकार के संकल्प पत्र में अल्पसंख्यक कल्याण बिन्दुओं में वर्णितानुसार "हम जैन संतों के चातुर्मास के लिए भूमि आंवटित करेंगे एवं उन्हें पर्याप्त पुलिस प्रोटेक्शन प्रदान करेंगे. इस निमित्त राजस्थान राज्य में जैन श्रमणों (साधू/साध्वियों) के विहार भ्रमण व चातुर्मास के दौरान विहार, ठहरने व प्रवचनों आदि के लिए संबंधित जिला कलेक्टरों द्वारा जिलों में विभिन्न स्थानों पर भूमि आवंटित करवाई जाने के निर्देश जारी किए हैं.
इसके अलावा राजस्थान सरकार के संकल्प पत्र में अल्पसंख्यक वर्ग के जैन समुदाय के अमणों (साधु साध्वियों) को विहार भ्रमण व चातुर्मास के दौरान जिलों में विभिन्न स्थानों पर ठहरने के लिये भूमि / भवन / सुरक्षित स्थान आवंटन हेतु जैन साधु-
साध्वियों / जैन समुदाय द्वारा स्थान की माँग करने पर समुचित व्यवस्था/आवंटन करवाया जाने के लिए भी निर्देश दिए गए हैं.
अल्पसंख्यक विभाग की ओर से निर्देश जारी
अल्पसंख्यक विभाग की ओर से जारी निर्देशों में यह भी कहा गया है कि जैन साधू/साध्थियों के द्वारा आमतौर पर प्रयुक्त किये जाने वाले रूट को सूचीबद्ध कर भिजवाए. वहीं चातुर्मास के दौरान प्रवचन/विहार हेतु प्रयुक्त किए जाने वाले स्थानों का विवरण तैयार किया जाएगा. इसी तरह जैन श्रमणों, साधु-सन्तों को चातुर्मास हेतु उपर्युक्त स्थान की अनुपलब्धता की स्थिति में सार्वजनिक भूमि/भवन आंवटन के प्रस्ताव बना कर सरकार को भिजवाने के निर्देश दिए हैं.
3 दिन में मांगी गई रिपोर्ट
साथ ही यह भी निर्देश दिए है कि प्रधानमंत्री 15 सूत्री कार्यक्रम की जिलास्तरीय समिति की आगामी बैठक में इन निर्देशों पर चर्चा हेतु जिला कलेक्टर को समीक्षा हेतु सम्मिलित कर इसकी सूचना 3 दिन में दें. मालूम हो कि राजस्थान में जैन धर्म के लोग बड़ी संख्या में हैं. इनके संतों का चातुर्मास विहार होता है. इस दौरान सरकार उन्हें सुरक्षा मुहैया करवाएगी.
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