Rajasthan High Court: राजस्थान के अलग-अलग जिलों में आवारा कुत्तों और अन्य जानवरों की वजह से दुर्घटनाएं हो रही है. वहीं बढ़ती दुर्घटनाओं को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए राजस्थान सरकार नगर निगम और सभी जिम्मेदार एजेंसी को तुरंत प्रभाव से कार्यवाही के निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए वरिष्ठ वकील डॉक्टर सचिन आचार्य और वकील प्रियंका बोराणा वह हेली पाठक को इस संबंध में न्याय मित्र नियुक्त कर उन्हें विस्तृत अध्ययन और कोर्ट की सहायता के निर्देश दिए हैं.
पिछले दिनों मीडिया रिपोर्ट्स में लगातार डॉग बाइट्स व अन्य जानवरों के कारण सड़क दुर्घटनाओं को लेकर राजस्थान हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है.
जोधपुर-जयपुर और उदयपुर नगर निगम को नोटिस
कोर्ट ने माना कि आवारा कुत्ते और गए न केवल शहरों बल्कि राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों पर भी सड़क सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन गए हैं. इससे न सिर्फ आमजन की जान को खतरा है बल्कि बड़ी दुर्घटनाएं भी हो रही है इस मामले में राजस्थान हाई कोर्ट ने सड़क परिवहन मंत्रालय नगरीय विकास स्थानीय निकाय जोधपुर, जयपुर, उदयपुर नगर निगम सहित अन्य को नोटिस जारी किए हैं वहीं इस मामले की सुनवाई 11 अगस्त को होगी.
हालांकि राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता आयुष गहलोत और केंद्र सरकार की ओर से अधिवक्ता बीपी बोराने कोर्ट को बताया कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने और आवारा पशुओं पर नियंत्रण के लिए राजस्थान रोड सेफ्टी बिल 2022 तैयार किया गया है जिसमें विशेष प्रावधान रखे गए हैं.
जानवर पालने वाले नहीं निभा रहे जिम्मेदारी
कोर्ट ने कहा कि समाज में दो तबके के लोग हैं. एक जो कुत्ता और गायों को पालते हैं तो वही दूसरा तबका भय या पसंद नहीं होने के चलते इन्हें सड़कों पर देखना नहीं चाहते. वहीं जिन लोगों के पास पालतू कुत्ते हैं उनकी जिम्मेवारी है कि वह इनका टीकाकरण और देखरेख करें. लेकिन कई मालिक यह कर्तव्य नहीं निभाते और कुत्तों को सड़क पर छोड़ देते हैं जिससे यह समस्या और बढ़ जाती है.
राजस्थान हाई कोर्ट की मुख्य पीठ में जस्टिस कुलदीप माथुर और जस्टिस रवि चिरानिया ने मीडिया में डॉग बाईट की आई हुई खबरों पर प्रसंज्ञान लेते हुए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया राजस्थान शहरी विकास एवं आवासन विभाग राजस्थान के स्थानीय निकाय निदेशक नगर निगम जयपुर जोधपुर व अन्य संबंधित निकाय राज्य परिवहन विभाग आयुक्त व अन्य को नोटिस जारी किए हैं अब इस मामले की सुनवाई 11 अगस्त को होगी.
अब 11 अगस्त को होने वाली सुनवाई पर राजस्थान रोड सेफ्टी बिल 2022 क्या कानून का रूप ले चुका है या नहीं इस बारे में हाई कोर्ट को अवगत करवाया जाएगा वही राजस्थान हाई कोर्ट द्वारा नियुक्त न्याय मित्रों की रिपोर्ट को भी सुना जाएगा.
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