Jaipur News: राजधानी जयपुर में 2008 में हुए सीरियल बम ब्लास्ट के दौरान जिंदा बम मिलने के मामले में आज राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान राज्य सरकार की ओर से जवाब पेश किया गया. सरकार ने जवाब में कोर्ट को बताया कि दोषियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं. जयपुर बम ब्लास्ट मामले की विशेष अदालत ने दोषियों को उम्रकैद की सजा दी है. यह फैसला सही है.
दरअसल, जयपुर बम ब्लास्ट मामले की विशेष अदालत ने इसी साल 8 अप्रैल को इसी मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई थी. दो आरोपियों शाहबाज हुसैन और सरवर आजमी की ओर से फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की गई है. अपील में कहा गया है कि सीरियल बम ब्लास्ट मामले में हाईकोर्ट सभी आरोपियों को बरी कर चुका है. यह मामला उसी केस से जुड़ा है. इसलिए इस केस में सजा का कोई आधार नहीं है. मामले में अगली सुनवाई 13 अक्टूबर को होगी.
नौंवा बम चांदपोल बाजार में मिला था
बता दें 13 मई 2008 को जयपुर में हुए 8 सीरियल बम धमाकों के बाद नौंवा बम चांदपोल बाजार में मिला था, जो जिंदा था. इस बम को ब्लास्ट होने से 15 मिनट पहले डिफ्यूज कर लिया गया था, जिससे सैकड़ों लोगों की जान बची थी. चारों दोषियों को IPC की 4, UAPA की 2 और विस्फोटक अधिनियम की 3 धाराओं में दोषी करार दिया गया.
राजधानी में हुए थे एक के बाद एक 8 धमाके
जयपुर में 13 मई 2008 को एक के बाद एक 8 बम धमाके हुए थे. इस दौरान जिंदा बम मिलने के मामले में विशेष अदालत ने 8 अप्रैल को चार आतंकियों सैफुर्रहमान, मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सरवर आजमी और शाहबाज अहमद को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा दी थी. 17 साल पहले हुई इस घटना में 71 लोगों की मौत हुई थी.
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