Rajasthan News: राजस्थान में कई हेरिटेज सिटी है जहां सदियों पुराने महल, किले और बहुत सारी चीजें है जो विश्व प्रसिद्ध है. लेकिन इसके बावजूद हेरिटेज महलों के रखरखाव की अनदेखी की जा रही है. इसी तरह हेरिटेज सिटी और रंगीन फव्वारों के लिये विश्वप्रसिद्ध जल महलों की नगरी डीग धीरे धीरे गंदगी के ढेर में तब्दील हो रही है. अब इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ रहा है. क्योंकि देश-विदेश के सैलानी यहां जाने से कतराते हैं. जिससे यहां से स्थानीय लोगों को काफी नुकसान हो रहा है. दूसरी और गंदगी से स्थानीय लोगों को अलग परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
बताया जा रहा है कि पर्यटक भी गंदगी और दुर्गन्ध की वजह से डीग आने से परहेज कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर जिम्मेदार लोगों की अनदेखी और लापरवाही के चलते डीग शहर में में कूड़े कचरे और गंदगी का आलम है.
किले के चारो ओर भरा है कचरा
डीग में रियासत काल के किले के चारों ओर बनी खाई कूड़े - कचरे से भरी पड़ी हैं. जिससे वहां शहर का गंदा पानी कचरे की वजह से सड़ने लगा है. दूसरी ओर नगर परिषद प्रशासन की ओर से सफाई की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. जहां गोवर्धन मोड़ स्थित मोक्षधाम के पास शहर का कचरा डालकर कचरे के ढेर में आग लगा दी जाती है. इतना ही नहीं कचरे के ढेर में लोगों द्वारा मृत पशुओं को डाला जाता है. जिससे वहां और आस पास की कॉलोनी में दुर्गन्ध से जीना दुश्वार हो रहा है.
इसी तरह 84 कोस परिक्रमा मार्ग से गुजरने वाले पदयात्रियों सहित स्थानीय नागरिकों और यहां आने वाले पर्यटकों को काफ़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि न तो जिला प्रशासन ध्यान दे रहा है और न ही नगरपरिषद प्रशासन. इनके द्वारा शहर की साफ सफाई की ओर कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाये जा रहे हैं. जिसका खामियाजा आमजन और राहगीरों को ही भुगतना पड़ रहा है. स्थानीय लोगों का मानना है कि शहर में गंदगी और किलों के चारों ओर भरे पानी में कूड़ा कचरे से आ रही दुर्गन्ध की वजह से पर्यटक यहां आने से कतराने लगे हैं. जबकि पर्यटक कम आने से रोजी रोजगार पर भी इसका असर पड़ रहा है.