5 लाख के रिश्वत केस में पूर्व IAS को राजस्थान हाईकोर्ट से बड़ी राहत, ACB नहीं पेश कर पाई सबूत

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि मामले को सनसनीखेज बनाने के लिए नन्नूमल पहाड़िया को आरोपी बनाया गया है, क्योंकि वे IAS थे, इसलिए मीडिया ट्रायल भी खूब हुआ. 

विज्ञापन
Read Time: 2 mins

Rajasthan News: राजस्थान हाईकोर्ट ने 5 लाख रुपये के रिश्वत से जुड़े मामले में पूर्व आईएएस को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने अलवर के डीएम रहे नन्नूमल पहाड़िया को बरी कर दिया है. साथ ही एसीबी ट्रायस कोर्ट में चल रही ट्रायल को भी रद्द करने का आदेश दिया है. गुरुवार को जस्टिस गणेशराम मीणा की पीठ ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि एसीबी मामले में उचित सबूत पेश नहीं कर पाई. 

इन लोगों से रिश्वत मांगने का था आरोप

दरअसल, एसीबी ने नन्नूमल पहाड़िया को 2022 में 5 लाख रुपए रिश्वत मांगने के मामले में आरोपी बनाया था. उन पर आरएएस अधिकारी अशोक सांखला और दलाल नितिन शर्मा के सहयोग से रिश्वत लेने का आरोप था. नन्नूमल पहाड़िया अलवर के डीएम रहे थे. वहां से रिलीव होने के तुरंत बाद उन पर यह आरोप लगा था. 

Advertisement

हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि एसीबी को ठोस सबूत पेश करने चाहिए थे कि किसी सरकारी अधिकारी और कर्मचारी ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए रिश्वत की मांग की है या रिश्वत ली है, लेकिन इस मामले में ऐसा कोई स्पष्ट तथ्य नहीं है. एसीबी नहीं साबित कर पाई कि पहाड़िया ने रिश्वत की कोई मांग की.

Advertisement

सनसनीखेज के लिए बनाया आरोपी

रिश्वत लेने का भी कोई ठोस सबूत नहीं है. वहीं पहाड़िया के पास शिकायतकर्ता का ऐसा कोई भी काम लंबित नहीं था जिसके एवज में रिश्वत की मांग की जाए.  इसलिए इस एफआईआर को रद्द करना सही होगा. जस्टिस गणेशराम मीणा की पीठ ने कहा कि इस पूरे मामले में एसीबी उचित सबूत पेश नहीं कर पाई है. ऐसा लग रहा है कि मामले को सनसनीखेज बनाने के लिए नन्नूमल पहाड़िया को आरोपी बनाया गया है, क्योंकि वे IAS थे, इसलिए मीडिया ट्रायल भी खूब हुआ. 

Advertisement

यह भी पढे़ं-

Rajasthan: स्कूलों की फीस 20 फीसदी बढ़ी, बढ़ोतरी से पहले नहीं की गई पैरेंट्स टीचर्स एसोसिएशन की मीटिंग