
Rajasthan News: राजस्थान हाईकोर्ट ने 5 लाख रुपये के रिश्वत से जुड़े मामले में पूर्व आईएएस को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने अलवर के डीएम रहे नन्नूमल पहाड़िया को बरी कर दिया है. साथ ही एसीबी ट्रायस कोर्ट में चल रही ट्रायल को भी रद्द करने का आदेश दिया है. गुरुवार को जस्टिस गणेशराम मीणा की पीठ ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि एसीबी मामले में उचित सबूत पेश नहीं कर पाई.
इन लोगों से रिश्वत मांगने का था आरोप
दरअसल, एसीबी ने नन्नूमल पहाड़िया को 2022 में 5 लाख रुपए रिश्वत मांगने के मामले में आरोपी बनाया था. उन पर आरएएस अधिकारी अशोक सांखला और दलाल नितिन शर्मा के सहयोग से रिश्वत लेने का आरोप था. नन्नूमल पहाड़िया अलवर के डीएम रहे थे. वहां से रिलीव होने के तुरंत बाद उन पर यह आरोप लगा था.
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि एसीबी को ठोस सबूत पेश करने चाहिए थे कि किसी सरकारी अधिकारी और कर्मचारी ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए रिश्वत की मांग की है या रिश्वत ली है, लेकिन इस मामले में ऐसा कोई स्पष्ट तथ्य नहीं है. एसीबी नहीं साबित कर पाई कि पहाड़िया ने रिश्वत की कोई मांग की.
सनसनीखेज के लिए बनाया आरोपी
रिश्वत लेने का भी कोई ठोस सबूत नहीं है. वहीं पहाड़िया के पास शिकायतकर्ता का ऐसा कोई भी काम लंबित नहीं था जिसके एवज में रिश्वत की मांग की जाए. इसलिए इस एफआईआर को रद्द करना सही होगा. जस्टिस गणेशराम मीणा की पीठ ने कहा कि इस पूरे मामले में एसीबी उचित सबूत पेश नहीं कर पाई है. ऐसा लग रहा है कि मामले को सनसनीखेज बनाने के लिए नन्नूमल पहाड़िया को आरोपी बनाया गया है, क्योंकि वे IAS थे, इसलिए मीडिया ट्रायल भी खूब हुआ.
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