राजस्थान हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, 11 साल बाद 25000 लोगों को मिली बिजली कनेक्शन की मंजूरी

खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि एकलपीठ का पृथ्वीराज नगर में सोसायटी पट्टों पर कनेक्शन और नियम 2013 की धारा 43 के प्रावधानों का उल्लंघन है. अब सोसायटी पट्टा धारकों को 11 साल बाद बिजली कनेक्शन मिल पाएगा. 

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फाइल फोटो.

Rajasthan News: राजस्थान की राजधानी जयपुर के पृथ्वीराज नगर (Prithviraj Nagar) वासियों को 11 साल बाद आखिरकार हाई कोर्ट (Rajasthan High Court) से बड़ी राहत मिली है. हाई कोर्ट ने पृथ्वीराज नगर में सोसायटी पट्टों के मकानों पर बिजली कनेक्शन (Electricity Connection) को मंजूरी दे दी है. 25 हजार सोसायटी पट्टा धारक अब अपने मकानों में बिजली कनेक्शन करवा सकेंगे.

सोसायटी पट्टों पर लगी रोक हाई कोर्ट ने हटाई

खंडपीठ ने हाई कोर्ट के एकलपीठ के 5 जुलाई 2013 के आदेश पृथ्वीराज नगर में सोसायटी पट्टों के कनेक्शन पर रोक भी हटा दी है. जस्टिस पंकज भंडारी औरशुभा मेहता ने ये आदेश शकुंतला शर्मा बाबूलाल सहित अन्य की याचिकाओं पर दिया है. खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि एकलपीठ का पृथ्वीराज नगर में सोसायटी पट्टों पर कनेक्शन और नियम 2013 की धारा 43 के प्रावधानों का उल्लंघन है. अब सोसायटी पट्टा धारकों को 11 साल बाद बिजली कनेक्शन मिल पाएगा. 

'याचिकाएं खारिज करने वाला आदेश भी गलत'

इस मामले में पैरवी कर रहे अधिवक्ता प्रहलाद शर्मा का कहना है कि सोसायटी पट्टों पर मकान बनाने के बाद किसी भी न्यायालय का आदेश नागरिकों के मौलिक अधिकारों के खिलाफ होता है तो वो लागू नहीं किया जाएगा. ऐसे में हाई कोर्ट का 5 जुलाई 2013 का सोसायटी पट्टों पर कनेक्शन नहीं देने का आदेश इसका उल्लंघन है. एकलपीठ का 11 नवंबर 2023 का याचिकाएं खारिज करने वाला आदेश भी गलत है.

प्राकृतिक आपदाओं में ही रुकता है कनेक्शन

इस मामले में जयपुर विद्युत वितरण निगम ने भी माना है कि सोसायटी पट्टों पर मकान बनाने वाले कब्जा धारक की श्रेणी में आते हैं. कब्जा धारक को बिजली कनेक्शन मिलना चाहिए. प्राकृतिक आपदाओं में ही कनेक्शन को रोका जा सकता है. इस मामले में  पूर्व में UDH सचिव और JDC की मीटिंग में भी पृथ्वीराज योजना के सोसायटी पट्टों पर बिजली कनेक्शन देने के लिए कहा गया था. बिजली कनेक्शन नहीं देने को विधि सम्मत नहीं होना भी बताया गया था.

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