Rajasthan: राजस्थान हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एम एम श्रीवास्तव ने रविवार (9 मार्च) को न्याय व्यवस्था की खामी पर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि सिस्टम की खामी के कारण गरीबों को न्याय नहीं मिल पाता. जमानत मिलने के बाद भी गरीब व्यक्ति जेल से बाहर नहीं निकल पाता है. गरीब आदमी बॉन्ड नहीं भर पाते हैं. सिक्योरिटी राशि जमा नहीं कर पाने की वजह से उसे जेल में ही रहना पड़ता है. यह सिस्टम का फेल्योर है, और इसे आज तक कोई समझ भी नहीं पाया. राजस्थान हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एम एम श्रीवास्तव ने राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से लीगल और डिफेंस काउंसिल की कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में चिंता जाहिर की.
"गरीब आदमी को रिप्रजेंट करिए"
उन्होंने कहा कि गरीब कोर्ट तक ही नहीं पहुंच पाते. विधिक सेवा प्राधिकरण सभी तरह की सुविधाएं उन्हें उपलब्ध करा सकता है. उस गरीब आदमी को रिप्रजेंट आप ही करने वाले हैं. इस मिशन को आपको सेवा मानकर काम करना होगा. उन्होंने कहा कि कोर्ट को बताना चाहिए कि अगर कोई गरीब व्यक्ति है, और 25 हजार रुपये की सिक्योरिटी नहीं दे सकता है. कोर्ट इसे कंसिडर करके आदेश पास कर देगा.
"सिस्टम इस चीज को समझ नहीं पाया"
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि आरोपी को किसी मामले में लीगर एड (विधिक सहायता) मिली, उसके बेल का ऑर्डर भी हो गया. आपने परिजनों को बेल का ऑर्डर दे दिया, लेकिन उसकी जमानत में उसकी गरीबी आड़े आ जाती है. घर वाले बॉन्ड नहीं भर पाते, तो आरोपी को जेल में ही रहनता पड़ता है. उन्होंने कहा कि ऐसा कैसा सिस्टम था कि पूरा सिस्टम इस चीज को समझ नहीं पाया. जेल वाले भी नहीं समझ पाए, परिवार वाले नहीं समझ पाए. हमारे लीगल एड क्लिनिक भी कुछ नहीं कर पाए और व्यक्ति पूरी सजा से ज्यादा समय तक जेल में रहा.
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