राजस्थान हाईकोर्ट ने सरकार को लगाई फटकार, 11 साल पुराने मामले में कोर्ट ने तय कर दी आखिरी सुनवाई की तारीख

शांति धारिवाल एकलपट्टा मामले में राज्य सरकार की याचिका पर हाईकोर्ट ने फटकार लगाया है. वहीं इस मामले की आखिरी सुनवाई 19 मार्च 2024 को तय कर दिया है.

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Rajasthan High Court: राजस्थान में 11 साल पहले एकट पट्टा मामले में भ्रष्टाचार का मामला दर्ज हुआ था. इस मामले में राजस्थान हाईकोर्ट में फिर से सुनवाई हुई है. इस मामले में सरकार ने याचिका दायर कर नई जांच की मांग की है. वहीं सुनवाई में सरकार ने अतिरिक्त दस्तावेज पेश करने के लिए समय मांगा. जिस पर कोर्ट ने सरकार को फटकार लगा दी. कोर्ट ने कहा कि पहले आप सुप्रीम कोर्ट से 6 महीने में केस निस्तारण का आदेश लेकर आते हो और फिर मामले को लंबित करते हो.

कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले को 6 महीने में निपटारा करने का आदेश दिया है. अब मामले की आखिरी सुनवाई 19 मार्च को होगी. कोर्ट ने सभी पक्षों को निर्देश दिया कि वे अगली सुनवाई से पहले अपनी दलीलें पूरी करें.

राजस्थान हाई कोर्ट की जयपुर बेंच, जिसकी अध्यक्षता माननीय मुख्य न्यायाधीश कर रहे हैं, उन्होंने सोमवार (10 फरवरी) को शांति धारिवाल एकलपट्टा मामले में अगली अंतिम सुनवाई की तारीख 19 मार्च 2024 निर्धारित की. अदालत ने सभी पक्षों को निर्देश दिया कि वे अगली सुनवाई से पहले अपनी दलीलें पूरी करें.

राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस. वी. राजू, अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा, सोनाली गौड़ और हितार्थ की सहायता से उपस्थित हुए.

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राज्य सरकार का बदला हुआ रुख और नए सिरे से जांच की मांग

एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, राज्य सरकार ने हाईकोर्ट को सूचित किया कि वह अब अपनी पुनरीक्षण याचिका को आगे नहीं बढ़ाना चाहती. सरकार ने आगे कहा कि वह इस मामले में नई जांच करना चाहती है, क्योंकि पहले दायर की गई क्लोज़र रिपोर्ट्स दोषपूर्ण थीं और उन्होंने सही साक्ष्यों और तथ्यों को ध्यान में नहीं रखा था.

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राज्य सरकार ने एक आवेदन दायर कर पुनरीक्षण याचिका को वापस लेने की अनुमति मांगी, जो निचली अदालत के उस आदेश के खिलाफ थी, जिसमें मुकदमे की वापसी को अस्वीकार कर दिया गया था. इस प्रकार, राज्य सरकार ने स्पष्ट किया कि वह अब मुकदमा वापस नहीं लेना चाहती और मुकदमे को आगे बढ़ाने और मामले की आगे जांच करने की इच्छा रखती है.

विरोध और कोर्ट के निर्देश

शांति धारिवाल और जी. एस. संधू ने राज्य सरकार के इस अनुरोध का विरोध किया और उत्तर दाखिल करने के लिए समय मांगा, जिसे हाईकोर्ट ने मंजूरी दे दी. इसके अलावा, हाईकोर्ट ने अशोक पाठक को अपना वकील बदलने की अनुमति दी, और उन्हें अगली सुनवाई की तारीख पर नए वकील के साथ पेश होने की अनुमति दी. उल्लेखनीय है कि अशोक पाठक इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका कर्ता थे.

हाईकोर्ट की टिप्पणियां और लंबित आवेदन

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि 19 मार्च को होने वाली अगली सुनवाई इस मामले की अंतिम सुनवाई होगी. इसके साथ ही, राज्य सरकार द्वारा दायर नए सिरे से जांच और क्लोज़र रिपोर्ट को वापस लेने के आवेदन को लंबित रखा. अदालत ने कहा कि इस आवेदन का निर्णय वर्तमान कार्यवाही के अंतिम फैसले पर निर्भर करेगा. इस स्तर पर, हाईकोर्ट ने इस अनुरोध को स्वीकार करने से इनकार कर दिया.

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