Rajasthan Road Accident: राजस्थान में हाल ही में कई भीषण सड़क हादसा देखने को मिला है. जिसमें दर्जनों लोगों की दर्दनाक मौत हुई. सवाल यह है कि सड़क पर चल रहे आम लोगों की क्या गलती है, जो न तो वाहन चला रहे थे और न ही किसी तरह के नियम तोड़ रहे थे. लेकिन उन्हें सड़क पर अपनी जान गंवानी पड़ी. राजस्थान में हाल में हुए सड़क हादसे पर राजस्थान हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. सड़क हादसे मामले में हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए सख्त रुख अपनाया. हाई कोर्ट ने एडवोकेट राजेंद्र शर्मा की ओर से दायर पत्र याचिका पर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की है.
6 नवंबर तक जवाब पेश करने के निर्देश
खंडपीठ ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल भरत व्यास और राज्य के महाधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. अदालत ने दोनों से 6 नवंबर तक जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं. यह आदेश एसीजे संजीव प्रकाश शर्मा और जस्टिस बलजिंदर सिंह संधू की खंडपीठ ने जारी किया है.
याचिका पर कोर्ट ने लिया स्वतः संज्ञान
एडवोकेट राजेंद्र शर्मा ने बताया कि प्रदेश में हो रही दुर्घटनाओं से व्यथित होकर माननीय एक्टिंग चीफ जस्टिस की खंडपीठ के समक्ष लेटर पेटिशन लगाई थी. इस पर उच्च न्यायालय ने स्वतः संज्ञान लिया है. साथ ही, एडवोकेट जनरल और एडिशनल सॉलिसिटर जनरल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. जवाब पेश करने के लिए 6 नवंबर की तारीख तय की गई है.
राजस्थान में 40 से भी अधिक लोगों की गई है जान
बता दें राजस्थान में बीते शनिवार से लेकर सोमवार तक आधा दर्जन घटनाओं में 40 से अधिक लोगों की जान चली गई है. जबकि दर्जनों लोग हादसे की वजह से घायल है या जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं. हालांकि राज्य सरकार ने हादसे के बाद हाई लेवल मीटिंग कर अधिकारियों से जवाब मांगा है और जांच के आदेश दिए हैं. साथ ही सड़क पर सुरक्षा को लेकर जरूरी निर्देश भी जारी किये हैं.
यह भी पढ़ेंः Rajasthan Accident: राजस्थान के बहरोड़ में दर्दनाक हादसा, स्कूल बस ने 12 साल के बच्चे को कुचला, मौके पर ही मौत