Rajasthan: अल्टीमेटम खत्म, अब फैसले की घड़ी! जाट नेताओं की सीएम भजनलाल शर्मा से वार्ता आज

केंद्र की नौकरियों में ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षण की मांग को लेकर जाट नेताओं की सीएम भजनलाल शर्मी से आज जयपुर में वार्ता होने वाली है.

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Rajasthan Jat Reservation: भरतपुर और धौलपुर के जाटों द्वारा केंद्र की नौकरियों में ओबीसी वर्ग में आरक्षण की मांग को लेकर जिले के उपखंड उच्चैन के गांव जयचोली में 17 जनवरी से महापड़ाव डाला हुआ है. जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने 22 जनवरी शाम 5 बजे तक तीन सूत्रीय मांग नहीं मानने पर दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक के साथ हाईवे को चक्का जाम करने की चेतवानी दी थी. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा इस मामले को गंभीरता से लिया है. सीएम ने जाट आरक्षण संघर्ष समिति के 11 सदस्यों के एक प्रतिनिधि मंडल को जयपुर में वार्ता के लिए बुलाया है. 

आज होगी सीएम से वार्ता

जाट आरक्षण प्रतिनिधि मंडल से सरकार की ओर से बनाई गई कमेटी में पीएचईडी मंत्री कन्हैया लाल चौधरी और डीग कुम्हेर विधायक शैलेश सिंह से पहले दौर की वार्ता हुई. वार्ता में तीन सूत्रीय मांगो को सरकार की कमेटी के सामने रखा, जिनमें से दो बिंदुओं पर सहमति बनी है. आरक्षण की बात को लेकर के सीएम भजन लाल शर्मा से वार्ता होनी है. सीएम भजनलाल शर्मा से वार्ता का समय दोपहर 12 बजे से 1 बजे के बीच में रखा गया है. 

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11 सदस्यों की कमेटी पहुंची जयपुर

आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने महाप्रभु डेरा जमाई जाट समाज के लोगों से वार्ता संपन्न होने तक शांति बनाए रखने की अपील की है. उन्होंने कहा कि 'सरकार की तरफ से रविवार को वार्ता का निमंत्रण मिला था, जिसके बाद जाट समाज की 11 सदस्यों की कमेटी जयपुर पहुंची थी. जयपुर में सरकार की कमेटी से वार्ता हुई और सीएम से मुलाकातें हुईं, अब दूसरे दौर की वार्ता मुख्यमंत्री से होगी. हम आशा करते हैं की वार्ता सकारात्मक हो जिससे हमारी मांगे पूरी हो सके. सरकार ने आंदोलन को गंभीरता से लेते हुए हमें वार्ता के लिए आमंत्रित किया था. वार्ता ही आंदोलन के समाधान का रास्ता है वार्ता से समाधान होता है जो सरकार और समाज के लिए अच्छा है.' 

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'आरक्षण मिलने के बाद हटेगा डेरा'

फौजदार ने कहा कि पहले दौर की वार्ता सकारात्मक रही है और अच्छे संकेत मिले हैं. जाट समाज की पहली मांग थी केंद्र में ओबीसी वर्ग में आरक्षण दूसरी मांग जाट समाज के 56 चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति और तीसरी मांग 2017 में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान जिन लोगों के खिलाफ मामले दर्ज हुए हैं उनको वापस लिया जाए. चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति और 2017 में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान मुकदमों को वापिस लेने की बात पर सहमति बन गई है. बहरहाल आरक्षण की बात को लेकर सीएम से वार्ता होगी. आरक्षण संघर्ष समिति के लोगों का कहना है कि यह महाप्रभु डेरा तब तक स्थगित नहीं होगा, जब तक उन्हें आरक्षण का नोटिफिकेशन जारी नहीं हो जाता.

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