राजस्थान में आज से जाट शुरू करेंगे आरक्षण पर आर-पार की लड़ाई, पुलिस ने भी कर ली है तैयारी

राजस्थान में इस बार भरतपुर-धौलपुर के जाटों ने ओबीसी आरक्षण पर आर-पार की लड़ाई की ठान ली है. सीएम भजन लाल से न्याय की उम्मीद जताई गई है.

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राजस्थान पुलिस फाइल फोटो

Rajasthan Jat Reservation: राजस्थान में एक बार फिर बड़ा जाट आंदोलन होने की तैयारी हो चुकी है. इस बार आरक्षण पर आर-पार की लड़ाई की ठान ली है. राजस्थान के भरतपुर-धौलपुर जाट समाज ने ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर 17 जनवरी से उच्चैन के जयचोली गांव के रेलवे स्टेशन के पास महापड़ाव का ऐलान कर दिया है. हालांकि, इससे पहले डीएम और एसपी से एक प्रतिनिधि मंडल मिलने गई थी लेकिन पुलिस ने आंदोलन वापस लेने की अपील की है. वहीं भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने महापड़ाव करने की घोषणा कर दी है.

भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने कहा है कि पहले हम शांति प्रिय और गांधीवादी तरीके से महापड़ाव करेंगे. लेकिन अगर सरकार नहीं मानी तो हम दूसरे तरीके को अपनाने के लिए मजबूर होंगे. 

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पुलिस भी हो गई है मुस्तैद

जाट समाज द्वारा आंदोलन की चेतावनी के बीच 16 जनवरी को आईजी रुपिंदर सिंह, कलेक्टर लोक बंधु और पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा ने जयचोली पहुंच कर वहां की व्यवस्था का जायजा लिया है. 

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बच्चों की भविष्य की लड़ाई है

भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष नेम सिंह ने कहा कि उन्होंने गांव-गांव जाकर सभी जाटों को एकजुट किया है. उन्होंने अपील की है कि यह हमारे बच्चों की भविष्य की लड़ाई है. अगर हम एकजुट होंगे तो हमें सफलता जरूर मिलेगी. इस बार हम पीछे हटने वाले नहीं हैं. उन्होंने कहा कि अब तो राजस्थान में ट्रिपल इंजन की सरकार है क्योंकि सीएम भी हमारे जिले हैं तो हमें न्याय जरूर मिलेगा.

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भरतपुर-धौलपुर जाटों के आरक्षण का इतिहास

भरतपुर-धौलपुर जाटों द्वारा आरक्षण की मांग साल 1998 से हो रही है. वहीं साल 2013 में जब केंद्र में मनमोहन सिंह की सरकार (UPA-2) थी तो उस वक्त भारतपुर और धौलपुर के जाटों सहित अन्य 9 राज्यों के जाटों को केंद्र में ओबीसी आरक्षण दिया गया था. लेकिन साल 2014 में बीजेपी की मोदी सरकार आई तो सुप्रीम कोर्ट का सहारा लेते हुए 10 अगस्त 2015 को भरतपुर और धौलपुर की जाटों का केंद्र और राज्य दोनों ही जगह ओबीसी आरक्षण समाप्त कर दिया गया. इसके बाद जाटों ने फिर आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन का रास्ता अपनाया. तब लंबी लड़ाई के बाद 3 अगस्त 2017 को वसुंधरा सरकार ने भरतपुर और धौलपुर के जाटों को प्रदेश में ओबीसी आरक्षण का लाभ दिया गया. लेकिन केंद्र की ओर से दोबारा ओबीसी आरक्षण का लाभ बहाल नहीं किया गया है.

केंद्र सरकार द्वारा छिने गए जाट ओबीसी आरक्षण (Jat OBC Reservation) को फिर से बहाल करने की मांग को लेकर जाट समाज ने 17 जनवरी तक का अल्टीमेटम दिया था. जिसमें कहा गया था कि अगर 17 जनवरी तक सरकार बात नहीं मानी तो आंदोलन शुरू होगा. अब इस आंदोलन को 17 जनवरी से शुरू किया जा रहा है. लेकिन अभी शांति प्रिय तरीके से महापड़ाव शुरू किया जाएगा.

भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति के प्रतिनिधि मंडल ने 16 जनवरी को डीएम और एसपी से वार्ता की. वहीं, इस दौरान जिला प्रशासन ने इस महापड़ाव को स्थगित करने की अपील की. हालांकि संघर्ष समिति ने इसे नहीं माना है. अब 17 जनवरी से उच्चैन थाना क्षेत्र के जयचोली स्टेशन के पास महापड़ाव शुरू किया जाएगा. पहले ये महापड़ाव गांधीवादी तरीके से किया जाएगा. लेकिन अगर सरकार नहीं मानती है तो फिर राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी के बाद से दूसरे तरीके से हम अपना आंदोलन शुरू करेंगे.

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