Rajasthan: 15 साल की नाबालिग ने दुष्कर्म के बाद दिया बच्चे को जन्म, आरोपी को मिली 20 साल कठोर कारावास की सजा

15 साल की बालिका के साथ दुष्कर्म हुआ और उसके बाद वह जब छह माह की गर्भवती हो गई. तब पूरा मामला सामने आया. अब कोर्ट ने आरोपी के खिलाफ फैसला सुनाया है.

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Rajasthan News: झुंझुनूं के पोक्सो कोर्ट ने एक नाबालिग से हुए दुष्कर्म के मामले में महत्वपूर्ण फैसला देते हुए आरोपी को 20 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही अलग-अलग धाराओं में 71 हजार रूपए का जुर्माना भी लगाया है. इस मामले में 15 साल की बालिका के साथ दुष्कर्म हुआ और उसके बाद वह जब छह माह की गर्भवती हो गई. तब पूरा मामला सामने आया. इसके बाद उदयपुरवाटी थाने में केस दर्ज हुआ. आरोपी को गिरफ्तार किया गया. तब से आरोपी जेल में ही है.

दुष्कर्म के बाद भी बच्ची ने नहीं दी जानकारी

पोक्सो कोर्ट के विशिष्ट लोक अभियोजक सुरेन्द्र सिंह भाम्बू ने बताया कि उदयपुरवाटी थाने में फरवरी 2023 में पीड़िता के परिजनों ने मामला दर्ज करवाया था कि उदयपुरवाटी के मनसा माता मंदिर में रहकर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं की सेवा करने वाले खोह निवासी फूलचंद जोगी ने करीब पांच-छह महीने पहले उसकी नाबालिग बेटी को पहाड़ियों में ले गया और उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया. दुष्कर्म की बात किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी. घबराई हुई नाबालिग ने दुष्कर्म के बारे में किसी को नहीं बताया. उसकी बेटी का जब पेट बढ़ने लगा तो उसे नीमकाथाना ले जाकर डॉक्टर को दिखाया गया. जहां पर डॉक्टर ने गर्भवती होने की जानकारी दी. इसके बाद जब परिजनों ने बच्ची को पूछा तो उसने आप बीती बताई. 

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पीड़िता ने दिया बच्चे को जन्म

इस मामले में पुलिस ने भी त्वरित कार्रवाई करते हुए खोह निवासी फूलचंद जोगी को गिरफ्तार कर लिया. साथ ही न्यायालय में चालान भी पोक्सो और एससी एसटी एक्ट की धाराओं में प्रस्तुत कर दिया. इसी दौरान दुष्कर्म पीड़िता ने बच्चे को भी जन्म दे दिया. जन्मे हुए बच्चे का भी डीएनए टेस्ट करवाया. जो आरोपी के साथ मैच हो गया. 

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डीएनए टेस्ट के आधार पर कोर्ट ने दी सजा

कोर्ट ने फैसला सुनाते वक्त इस डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट को सबसे बड़ा आधार माना और आरोपी को सजा सुनाई. इससे पहले कोर्ट में 17 गवाहों के बयान करवाए गए. वहीं कुल 46 दस्तावेज प्रस्तुत किए गए. जिसके बाद दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद विद्वान न्यायाधीश इसरार खोखर ने पोक्सो और एससी एसटी की धाराओं में आरोपी को दोषी मानते हुए अलग-अलग धाराओं में 20 साल की सजा और 71 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. 

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