Rajasthan: जेईएन के फर्जी हस्ताक्षर मामले में नागौर से आरएलएपी सांसद हनुमान बेनीवाल ने सोशल मीडिया 'X' पर लिखकर सीएमओ से कार्रवाई की मांग की है. इसके बाद खींवसर से बीजेपी विधायक रेवंत राम डांगा ने भी सीएम भजनलाल शर्मा और विद्युत मंत्री हीरालाल नागर से कार्रवाई की मांग की है. खींवसर के ट्वीट को बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. ज्योति मिर्धा ने कार्रवाई की मांग की है. डॉ. मिर्धा ने लिखा, "मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर से अनुरोध है कि विधायक के इस आग्रह पर संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करवाएं."
"मामले की जांच के लिए लिखूंगा"
नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने सोशल मीडिया पर लिखा, "विद्युत विभाग के ठेकेदारों ने अभियंताओं के फर्जी हस्ताक्षर करके बिल उठाने का प्रयास बीजेपी नेताओं और कुछ अधिकारियों के संरक्षण के बिना असंभव है, पूरे मामले की जांच के लिए सक्षम स्तर पर लिखूंगा. @RajCMO को ऐसे मामले में संज्ञान लेकर वस्तुस्थिति तलब करनी चाहिए."
डांगा ने सीएम से की कार्रवाई की मांग
इसके बाद खींवसर से बीजेपी विधायक रेवंत राम डांगा ने सोशल मीडिया पर लिखा, "नागौर जिले के खींवसर क्षेत्र में दांतिणा से करनू और धोलियाडेर तक 33 केवीए की विद्युत लाइन लगाने के राजकीय कार्य में अजमेर डिस्कॉम के अभियंताओं के फर्जी हस्ताक्षर करके बिल उठाने का गंभीर मामला मीडिया के जरिए संज्ञान में आया है. इस मामले में यह भी बताया जा रहा है कि इस कार्य में लगी इलेक्ट्रिक फर्म ने एक अधिशाषी अभियंता से मिलकर फर्जी विद्युत बिल तैयार किए. अधिशाषी अभियंता ने इन बिलों की जांच किए बिना ही इन्हें राजकीय कोष से भुगतान उठाने के लिए डिस्पैच कर दिए. मैं प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और विद्युत मंत्री हीरालाल नागर से आग्रह करता हूं कि इस गंभीर प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच करवाकर दोषी अधिकारियों और कार्मिकों के खिलाफ़ कड़ी कार्रवाई अमल में लाएं, जिससे आमजन में भाजपा के प्रति सुशासन, संवेदनशील और पारदर्शी सरकार का संदेश जा सके."
खींवसर के दांतिणा से करनू और धोलियाडेर तक 33 केवी बिजली लाइन खींची जा रही है. इस काम के लिए 80% से अधिक रनिंग बिल पेश किए गए हैं. पांचौड़ी जेईएन की बजाय भेड़ जेईएन सुरेंद्र लोमरोड़ के साइन हैं. दूसरी तरफ आरोप है कि यह साइन भेड़ जेईएन के भी फर्जी किए हुए हैं, इस मामले में फर्जी साइन कर भुगतान उठाने की कोशिश की गई. अधिशासी अभियंता ने फर्जी साइन बिलों की जांच के बिना ही डिस्पैच कर दिए. जबकि, अब तक काम भी 20 प्रतिशत हुआ है और साइन भी फर्जी है.
ये है फर्जी साइन वाला डॉक्यूमेंट