Rajasthan News: राजस्थान के कई जिलों में लगातार बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है. भारी बारिश से जहां तालाब और बांध लबालब हो गए हैं, वहीं खेतों में जलभराव ने खरीफ की फसलों को बर्बाद कर दिया है. बाजरा, ज्वार और गाजर की फसलें पूरी तरह चौपट हो गई हैं. गाजर, जो इस क्षेत्र की प्रमुख फसल है और कई राज्यों में भेजी जाती है, इस बार पानी में डूब गई. किसानों का कहना है कि 20-30 साल में ऐसी बारिश पहली बार देखी है.
किसानों का दर्द, हाथ जोड़कर मांगी मदद
इसी तरह कोटपूतली-बहरोड़ जिले में भी खेतों में पानी भरा होने से किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है. जहां एक महिला किसान ने रोते हुए हाथ जोड़कर कहा, "खेती ही हमारी रोजी-रोटी है. फसल बर्बाद हो गई, अब क्या करें?" कई किसानों ने बताया कि न तो कोई अधिकारी हाल जानने आया और न ही जनप्रतिनिधि. वे सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक सिर्फ आश्वासन ही मिला है. किसानों को डर है कि अगर जल्द मदद नहीं मिली तो अगले सीजन की तैयारी भी मुश्किल हो जाएगी.
फसलों में भरा पानी.
प्रशासन का आश्वासन, गिरदावरी शुरू
कोटपूतली के तहसीलदार रामधन गुर्जर ने बताया कि इस बार सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है. बाजरे के पकने का समय था, लेकिन जलभराव ने फसलों को नुकसान पहुंचाया. प्रशासन ने पटवारियों और गिरदावरों को नुकसान का आकलन करने के लिए गिरदावरी शुरू करने को कहा है. 15 अक्टूबर तक रिपोर्ट तैयार कर सरकार को भेजी जाएगी.
फसलों में भरा पानी.
जल संकट खत्म, मगर फसलों का नुकसान
इस बार भारी बारिश से बांध और तालाब भर गए हैं, जिससे जल संकट की चिंता कम हुई है. लेकिन खेतों में डूबी फसलों ने किसानों के सामने बड़ा संकट खड़ा कर दिया है. ग्रामीणों को उम्मीद है कि सरकार जल्द उनकी मदद करेगी.
फसलों में भरा पानी.
यह भी पढ़ें- राजस्थान कोचिंग सेंटर बिल पर कांग्रेस में मतभेद, टीकाराम जूली खिलाफ तो राजेंद्र पारीक ने बताया जरूरत