Jaipur: शिक्षक वंदन कार्यक्रम में स्पीकर देवनानी बोले- बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ संस्कार भी दें

शिक्षक वंदन कार्यक्रम में देवनानी ने कहा कि समग्र चेतना का जागरण आज की आवश्यकता है और भारतीय संस्कृति को कोई समाप्त नहीं कर सकता है, इसलिए शिक्षकों को भारतीय संस्कृति से युवाओं को जोड़े रखने के लिए सतत प्रयास करने होंगे.

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Rajasthan News: राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी शनिवार को दशहरा मैदान में आयोजित हिन्दू आध्यात्मिक और सेवा मेला शिक्षक वंदन कार्यक्रम में शामिल हुए. इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए देवनानी ने कहा कि शिक्षकों की यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है कि वे युवा पीढ़ी को भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करें.

'मां जैसा हो जिसका वह 'मास्टर' 

आगे देवनानी ने कहा कि युवा पीढ़ी में भारत की सांस्कृतिक परम्पराओं मानवता, सहिष्णुता, धैर्य जैसे गुणों को बनाए रखने के लिए शिक्षकों को गुरु की भूमिका निभानी होगी. जिसका स्तर मां जैसा हो वह 'मास्टर' कहलाता है, शिक्षकों को बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ संस्कार भी देने होंगे. 

'राष्ट्र सर्वोपरि है भावना युवा में जगाए' 

देवनानी ने कहा कि समग्र चेतना का जागरण आज की आवश्यकता है और भारतीय संस्कृति को कोई समाप्त नहीं कर सकता है, इसलिए शिक्षकों को भारतीय संस्कृति से युवाओं को जोड़े रखने के लिए सतत प्रयास करने होंगे. राष्ट्र सर्वोपरि है और यह भावना बचपन से ही युवा पीढ़ी में पैदा करनी होगी.इस भावना को युवाओं में पैदा करने वाला ही सच्चा शिक्षक होता है.  

'संस्कारों से ही बनेगा नया भारत'

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि हमारे आदर्श हमारे महापुरुष और महान संस्कृति है. राष्ट्र के भविष्य को सशक्त बनाने के लिए मानवीय मूल्यों को युवा पीढ़ी के आचरण में लाना होगा. फिर से उठ खड़ा होने वाला भारत भी राष्ट्र के संस्कारों से ही बनेगा. इस अवसर पर मुनि श्री समत्व सागर ने शिक्षा में नैतिक मूल्यों के समावेश की आवश्यकता बताते हुए कहा कि शिक्षकों को स्वयं को बेहतर व्यवहार का प्रदर्शन करना होगा, ताकि उन्हें बच्चों से सम्मान मिल सके.

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