पुलिसकर्मियों के होली मनाने के बहिष्कार पर मंत्री जोगाराम पटेल की प्रतिक्रिया, अशोक गहलोत पर भी साधा निशाना

Jogaram Patel Statement: मंत्री जोगाराम पटेल ने पुलिसकर्मियों के होली मनाने के बहिष्कार को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है. वहीं अशोक गहलोत के पोस्ट को लेकर भी पलटवार किया है.

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जोगाराम पटेल

Policemen Holi Boycott: राजस्थान के कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल शनिवार जोधपुर में सर्किट हाउस में आम जन को होली की शुभकामनाएं दे रहे हैं. इस दौरान सर्किट हाउस में मीडिया से बात करते पुलिस कास्टेबलों के द्वारा शनिवार को होली नहीं मानने के सवाल पर उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि हमें सूचना मिली कि पुलिस के अधिकारियों ने होली खेली है, लेकिन पुलिस कांस्टेबलों ने होली नहीं खेली. ऐसी सूचना मिली उनकी जो भी शिकायतें है, सरकार उनका पूरा संज्ञान लेगी और जल्द से जल्द उनके हक में उचित निर्णय लेगी. हाल ही में पुलिस को मोटरसाइकिल दी गई है. सरकार की ओर से और भी वाहन उपलब्ध करवाए जाएंगे. पुलिसकर्मियों के सर्वांगीण विकास के लिए सरकार हमेशा तैयार है.

किरोड़ी लाल के ट्वीट पर जवाब

वही किरोड़ी लाल मीणा की ओर से भी ट्वीट किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि किरोड़ी लाल जी ने ट्वीट किया, ठीक है. ऐसा क्या सरकार के संज्ञान में आया है, सरकार इस विषय को गंभीरता से लेगी.

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पूर्व CM गहलोत पर जोगाराम ने साधा निशाना

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के द्वारा भी ट्वीट किए जाने के सवाल पर  जोगाराम ने कहा कि "हमारे राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को मेरी ओर से नम्रता से निवेदन है कि अभी 11-12 महीने पहले वह खुद मुख्यमंत्री थे. हां यह अलग विषय है कि उनको अपनी सरकार को बचाने के लिए होटल में रुकना पड़ा. मिनी मुख्यमंत्री बने पड़े अपने ही साथी को किन-किन शब्दों से पुकारा गया है. फिर भी अगर वह कोई ट्वीट करते हैं, इससे पहले उन्हे अपने गिरेबान में झाकना चाहिए. जो व्यक्ति कांच के मकान में रहते हैं, वह दूसरों के मकान पर पत्थर नहीं फेंका करते हैं. सलाह देने वालों को पहले अपने गिरेबान में झांक कर देखना चाहिए."

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उन्होंने कहा कि "अगर उन्होंने पहले ही इस तरह से कर दिया होता तो आज पुलिसकर्मी नाराज नहीं होते. इसलिए मेरी उनसे सलाह है और उन्होंने सलाह दिए ठीक है उसके लिए उनका धन्यवाद. लेकिन भविष्य में सलाह देने से पहले आप यह सोचें कि अपना आपने क्या किया. उन्होंने स्वयं ने किस तरीके से राजस्थान को नीचे गिराया, अगर फिर भी उनको कोई बात रखनी है तो उन्हें विधानसभा में आना चाहिए. विधानसभा में कभी आते नहीं बाहर से सोशल मीडिया से सुर्खियां बटोरना उनकी फितरत है."

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