Rajasthan News: राजस्थान में विधायक निधि में रेवंत राम डांगा द्वारा कमीशन खाने पर मिले नोटिस के जवाब से भाजपा असंतुष्ट है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने शनिवार को मीडिया से बातचीत में यह जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि खींवसर से बीजेपी विधायक ने पार्टी के नोटिस का जवाब दिया, जिससे पार्टी संतुष्ट नहीं है. ऐसे में अब खींवसर विधायक रेवंतराम डांगा का जबाव को अनुशासन समिति के पास रेफर कर दिया गया है. समिति इस पर तथ्यों की जांच करके फैसला लेगी.
'जवाब से संतुष्ट नहीं पार्टी'
मदन राठौड़ ने खींवसर विधायक द्वारा विधायक निधि में भ्रष्टाचार के मामले पर बताया कि रेवंत राम डांगा ने अपना स्पष्टीकरण दे दिया, लेकिन पार्टी उनके जवाब से संतुष्ट नहीं है. इसलिए इस इस मामले की जांच अनुशासन समिति को दी गई है. अब यह समिति पूरे मामले की तथ्यात्मक जांच करेगी. इसके बाद अनुशासन समिति की अनुशंसा पर पार्टी निर्णय करेगी. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मामला विधायक निधि भ्रष्टाचार से जुड़ा है. ऐसे में इस मामले को पार्टी ने बड़ी गंभीरता से लिया है.
बता दें कि बीजेपी विधायक रेवंत राम डांगा, कांग्रेस विधायक अनीता जाटव और निर्दलीय विधायक ऋतु बनावत पर विधायक निधि में कमीशनखोरी के आरोप लगे हैं. एक समाचार पत्र के स्टिंग वीडियो में विधायकों द्वारा विधायक निधि की राशि मंजूर करवाने के लिए कमीशन मांगने की बात सामने आई है, जिसके बाद बीजेपी और कांग्रेस ने अपने-अपने विधायकों को नोटिस भेजा. उधर विधानसभा की सदाचार समिति भी मामले की जांच कर रही है.
सदाचार समिति ने पूरी की पूछताछ
शुक्रवार को सदाचार समिति ने तीनों विधायकों से कमीशनखोरी के मामले में पूछताछ पूरी की. समिति ने आरोपों की जांच के लिए उन्हें बुलाया था जहां उन्होंने अपना पक्ष रखा. पूछताछ के दौरान विस्तृत सवाल-जवाब हुए और विधायकों ने दस्तावेज जमा करने के लिए अतिरिक्त समय मांगा. रेवंतराम डांगा ने 15 दिन ऋतु बनावत ने 10 दिन और अनीता जाटव ने 7 दिन का समय लिया. वे इस दौरान अपने सबूत पेश करेंगे. समिति अब इन तथ्यों की जांच करेगी और रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष को सौंपेगी. इसके आधार पर आगे की कार्रवाई होगी.
निकाय चुनाव पर क्या बोले मदन राठौड़
वहीं, मदन राठौड़ ने मीडिया से बातचीत में राजस्थान में निकाय चुनाव से जुड़े सवाल पर कहा कि कोर्ट के आदेश के हिसाब से ही चुनाव होंगे. उन्होंने जयपुर में मीडिया से बातचीत कहा कि बीजेपी चुनाव के लिए तैयार है. दरअसल, प्रदेश में निकाय चुनाव से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को अपने फैसले में निकाय चुनावों की समय-सीमा को बरकरार रखा. जस्टिस जॉयमाला बागची और जस्टिस विपुल एम. पंचोली की पीठ ने राजस्थान हाईकोर्ट के 14 नवंबर 2025 के निर्णय में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने निकायों में परिसीमन प्रक्रिया और प्रशासकों की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया. इस मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने पंचायतीराज संस्थाओं एवं नगरपालिकाओं के चुनाव 15 अप्रैल 2026 तक कराए जाने के लिए समय सीमा निर्धारित की थी. सुप्रीम कोर्ट ने इसी समय सीमा को बरकरार रखा हुआ है.
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