Rajasthan News: हाल ही में राजस्थान के तीन विधायकों के स्टिंग ऑपरेशन सामने आने के बाद विधायक निधि के इस्तेमाल में भ्रष्टाचार के आरोपों ने राजनीति को गरमा दिया है. अजमेर की अब मसूदा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक वीरेंद्र सिंह कानावत की एक अनुशंसा पत्र चर्चा में आ गया है. फरवरी 2025 का यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें सरकारी स्कूलों के लिए खादी की फर्श दरी पट्टी खरीदने की अनुशंसा की गई है. पत्र के अनुसार भिनाय क्षेत्र के सरकारी स्कूलों के लिए 20 लाख रुपये की दरी पट्टी और मसूदा क्षेत्र के स्कूलों के लिए 30 लाख रुपये की दरी पट्टी खरीदने की सिफारिश की गई.
विधायक निधि के दुरुपयोग का आरोप
जानकारी के अनुसार, भिनाय में 190 दरी पट्टी और मसूदा में 239 दरी पट्टी खरीदी गई. 10×15 वर्ग फुट साइज के एक दरी की कीमत करीब 10,500 रुपये बैठती है. जिसे लेकर अब सवाल उठने लगे हैं कि क्या इस खरीद प्रक्रिया में विधायक निधि राशि का दुरुपयोग हुआ है. इस विषय में मसूदा विधायक वीरेंद्र कानावत से फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया मगर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.
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विधायक की संपत्ति की जांच की मांग
इसी बीच मसूदा निवासी शोभाराम सिंह पुत्र तख्त सिंह ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर विधायक वीरेंद्र सिंह कानावत की कथित चल-अचल संपत्ति की जांच कराने की मांग की है. पत्र में आरोप लगाया गया है कि विधानसभा चुनाव के दौरान विधायक ने अपनी संपत्ति मात्र 1 से 1.5 लाख रुपये दर्शाई थी, जबकि विधायक बनने के बाद उनके पास करोड़ों रुपये की संपत्ति होने का दावा किया जा रहा है. शिकायतकर्ता का कहना है कि विधायक बनने से पहले उनका मकान सामान्य था, जो अब करोड़ों की इमारत में तब्दील हो चुका है.
पत्र में यह भी आरोप लगाया गया है कि विधानसभा में श्री सीमेंट फैक्ट्री के प्रदूषण का मुद्दा उठाने के बाद अब इस मामले में चुप्पी साध ली गई है, जिससे किसी प्रकार की सांठगांठ की आशंका बनती है. शिकायतकर्ता ने सीबीआई या किसी स्वतंत्र एजेंसी से निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है. मामले को लेकर मसूदा के पूर्व कांग्रेस विधायक राकेश पारीक ने भी गंभीर आरोप लगाए हैं.
संदेह पैदा करता दरी पट्टी खरीद का मामला
पारीक ने कहा कि दरी पट्टी खरीद का यह मामला उसी तरह संदेह पैदा करता है, जैसे हाल ही में सामने आए विधायकों के स्टिंग ऑपरेशन. उन्होंने कहा कि विधायक निधि का पैसा जनता का है और इसमें किसी भी तरह की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जानी चाहिए. पारीक ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी से आग्रह किया कि समय रहते पूरे मामले की जांच कराई जाए. उन्होंने यह भी कहा कि उनके स्वयं के पांच साल के कार्यकाल और वर्तमान विधायक वीरेंद्र कानावत के कार्यकाल-दोनों की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, ताकि सच्चाई जनता के सामने आ सके.
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