Rajasthan: राजस्थान में मानसून ने बरपाया कहर, 69 साल का रिकॉर्ड टूटा, 80 से ज्यादा लोगों की गई जान

Weather Update: जुलाई में 285 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई, जो सामान्य से 77 प्रतिशत अधिक है. साल 1956 के बाद अब तक का दूसरा सबसे बड़ा रिकॉर्ड है.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins

More than 80 deaths due to monsoon in Rajasthan: राजस्थान में इस साल का मानसून आपदा बनकर सामने आया है. पिछले महीने राजस्थान में पिछले 69 वर्षों का रिकॉर्ड टूट गया. जलभराव, नदी-नालों में उफान और फसलों को नुकसान की वजह से कई जिलों में हालात गंभीर बन गए. आपदा प्रबंधन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक वर्षाजनित घटनाओं में 80 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. कोटा बैराज से चंबल नदी में लगातार पानी छोड़ा गया, जिससे नदी का जलस्तर बढ़ गया. 2.90 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से बारां और कोटा के कई गांवों में पानी भर गया.

77 फीसदी अधिक बारिश, 31 जिले प्रभावित

इस साल मानसून ने प्रदेश में 7 दिन पहले 18 जून को प्रवेश किया. जुलाई में राज्य में 285 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई जो सामान्य से 77 प्रतिशत अधिक है. यह वर्षा आंकड़ा 1956 के बाद अब तक का दूसरा सबसे बड़ा रिकॉर्ड है. 31 जिलों में सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की गई है, जिनमें से 7 जिलों में हालात बाढ़ जैसे बन गए. प्रभावित जिलों में कोटा, बारां, टोंक, सवाई माधोपुर, भरतपुर, जयपुर और अजमेर शामिल हैं.

Advertisement

बिजली गिरने, डूबने और मकान गिरने से हुई मौतें

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 15 जून से 30 जुलाई के बीच वर्षाजनित घटनाओं में 80 लोगों की मौत हुई है. इनमें 17 मौतें बिजली गिरने, 40 मौतें पानी में डूबने और 23 मौतें मकानों के ढहने से होना शामिल हैं.

Advertisement

किसानों की मेहनत भी बर्बाद

इस भारी बारिश से ना सिर्फ जनजीवन अस्त-व्यस्त हुआ, बल्कि किसान की आमदनी पर भी संकट खड़ा हो गया है. तेज बारिश और बाढ़ के चलते हजारों बीघा में खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं. खासतौर पर धान, मक्का और बाजरा की फसल पर बुरा असर पड़ा है. कृषि विभाग ने सर्वे का कार्य शुरू कर दिया है.

Advertisement

यह भी पढ़ेंः धराली में बादल फटने के बाद फंसे 274 लोगों का बचाव, राजस्थान के भी 6 लोग शामिल