DGCA का नया 'सेफ्टी प्लान', राजस्थान के MP की पहल पर बदलेंगे हेलीकॉप्टर उड़ान के नियम!

राजस्थान के सांसद मदन राठौड़ ने संसद में चार धाम हेलीकॉप्टर सुरक्षा का मुद्दा उठाया, जिसके जवाब में DGCA ने कड़े ऑडिट और 'Go/No-Go' नियम लागू करने की बात कही. यानी अब पूरे देश में तीर्थ यात्राओं के लिए एक जैसे सुरक्षा मानक लागू होंगे.

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सांसद मदन राठौड़ की जीत: चार धाम की तरह राजस्थान के धार्मिक स्थलों पर भी लागू होगी नई सुरक्षा नीति! (File Photo)
IANS

Rajasthan News: देश की सबसे बड़ी तीर्थ यात्राओं में हेलीकॉप्टर सेवाओं (Helicopter Booking) की सुरक्षा को लेकर एक बड़ा कदम उठाया गया है, और इसकी पहल राजस्थान के सांसद ने की है. राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ (Madan Rathore) ने संसद के भीतर केंद्र सरकार से सीधे सवाल किया कि जब आस्था और विरासत से जुड़े मामलों में लाखों लोग यात्रा करते हैं, तो उनकी सुरक्षा में चूक क्यों हो?

सांसद राठौड़ ने विशेष रूप से चार धाम यात्रा के दौरान हेलीकॉप्टर ऑपरेशन की सुरक्षा सुनिश्चित करने का मुद्दा उठाया, लेकिन उनकी मांग सिर्फ उत्तराखंड तक सीमित नहीं थी. उन्होंने जोर देकर कहा कि देश भर में सभी तीर्थ और पर्यटन से जुड़ी हेलीकॉप्टर सेवाओं के लिए मानकीकृत सुरक्षा नियम (Standardised Safety Norms) लागू होने चाहिए.

विमानन मंत्री ने दिया जवाब

सांसद मदन राठौड़ के सवाल का जवाब देते हुए नागर विमानन मंत्री मुरलीधर मोहोल ने सदन को सुरक्षा मजबूत करने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी. मंत्री ने बताया कि केदारनाथ समेत चार धाम की यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर सेवाओं में सुरक्षा बढ़ाने के लिए कई नए और कड़े उपाय लागू किए गए हैं.

1. स्पेशल कंट्रोल रूम

मंत्री मोहोल ने बताया कि साहस्रधारा (देहरादून) और सीतापुर (केदारनाथ) हेलीपैड पर विशेष कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं.

2. 'गो/नो-गो' सिस्टम

इन कंट्रोल रूम में UCADA, ATC (एयर ट्रैफिक कंट्रोल) और IMD (मौसम विभाग) के अधिकारी मौजूद रहते हैं, जो मौसम की वास्तविक जानकारी और ट्रैफिक के आकलन के आधार पर ही उड़ान भरने या न भरने का निर्णय लेते हैं. यह इंटीग्रेटेड सिस्टम तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में अत्यंत महत्वपूर्ण साबित हुई है.

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12 ऑपरेटर, 10 हेलीपैड की जांच

सांसद राठौड़ ने हेलीपैड निरीक्षण और ऑपरेटर ऑडिट का ब्योरा मांगा था, जिस पर मंत्री मोहोल ने विस्तार से बताया. मंत्री ने अपने जवाब में बताया कि केदारनाथ ऑपरेशन से पहले DGCA ने 7 हेलीपैड और 6 हेलीकॉप्टर ऑपरेटरों का निरीक्षण/ऑडिट किया. वहीं, चार धाम की मंजूरी से पहले 12 ऑपरेटरों और 10 हेलीपैड का एक व्यापक ऑडिट पूरा किया गया था.

खराब मौसम की तुरंत पहचान

मंत्री ने बताया कि किसी भी अप्रत्याशित मौसम बदलाव को तुरंत पकड़ने के लिए चार धाम और केदारनाथ मार्गों पर अतिरिक्त वेदर कैमरे भी लगाए गए हैं। इन पहलों के कारण, मानसून के बाद के मौसम में सभी उड़ानें सुरक्षित और सुचारू रूप से संचालित हुईं, जिससे परिचालन विश्वसनीयता (Operational Reliability) में काफी सुधार आया है।

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अब 'केस-टू-केस' नहीं, देशव्यापी नियम लागू होंगे

सांसद मदन राठौड़ ने मंत्रालय द्वारा उठाए गए कदमों पर संतोष व्यक्त किया. हालांकि, उन्होंने जोर देकर कहा कि तीर्थयात्राएं भारत की सांस्कृतिक आस्था का मूल हैं, इसलिए सेवाओं में अधिकतम सुरक्षा, पारदर्शिता और दक्षता अनिवार्य है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि राजस्थान के सांसद की मांग पर सरकार ने देशव्यापी नीति बनाने का आश्वासन दिया है. मंत्री ने कहा कि DGCA अब देशभर में सभी तीर्थ और पर्यटन संबंधी हेलीकॉप्टर सेवाओं में एक जैसे सुरक्षा मानदंड लागू करने पर काम कर रहा है. इसके लिए, 2023 के परिचालन सर्कुलर में भी संशोधन किया गया है, ताकि यह सुरक्षा ढांचा पूरे देश में प्रभावी हो सके.

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