Rajasthan Politics: राजकुमार रोत बोले- मदन दिलावर की माफी नहीं, इस्तीफा चाहिए

मदन दिलावर के आदिवासियों के डीएनए वाले विवादित बयान पर माफी मांगने के बाद सांसद राजकुमार रोत ने कहा है कि उन्होंने ये माफी दबाव में मांगी है.

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Rajasthan News: राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर (Madan Dilawar) ने अपने आदिवासियों के बारे में दिए गए बयान को लेकर माफी मांग ली है. मगर इसके बाद भी यह विवाद पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है. बांसवाड़ा-डूंगरपुर से भारत आदिवासी पार्टी के सांसद राजकुमार रोत (Rajkumar Rot) ने मदन दिलावर की माफी को नाकाफी बताया है और उनके इस्तीफे की मांग की है. यह सारा विवाद राजकुमार रोत के एक बयान पर मदन दिलावर की प्रतिक्रिया से ही शुरु हुआ था. इसे लेकर राजकुमार रोत के अलावा सारा विपक्ष लगातार मदन दिलावर को घेर रहा था. राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र में लगातार इसे लेकर लगातार हंगामा हो रहा था. मदन दिलावर के सदन में बोलना शुरू करते ही विपक्षी सदस्य उनके इस्तीफे की मांग करने लगते थे. 

मदन दिलावर ने सदन में माफी मांगी

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने गुरुवार को अपने विवादित बयान को लेकर राजस्थान की विधानसभा में माफी मांग ली. सदन में प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही मदन दिलावर ने खड़े होकर अपने बयान के लिए खेद प्रकट किया. उन्होंने कहा,"मैं आदिवासी समाज से आता हूं. महाराणा प्रताप के साथ युद्ध में भी आदिवासियों ने भी सहयोग दिया था. आदिवासियों को अगर मेरी बातों से पीड़ा हुई है तो मैं इसके लिए माफी मांगता हूं."

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राजकुमार रोत ने कहा, माफ़ी काफी नहीं

मदन दिलावर के माफी मांगने के बाद सांसद राजकुमार रोत ने कहा कि शिक्षा मंत्री ने यह कदम दबाव में उठाया है. उन्होंने कहा कि मानगढ़ धाम पर लाखों की तादाद में जमा आदिवासियों के विरोध के कारण ही दिलावर को माफी मांगनी पड़ी है.

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मदन दिलावर जी को अगर इस्तीफ़ा ही देना होता तो विवाद के दो-चार दिन बाद ही माफी मांग लेते. दो महीने हो गए और आज ही के दिन उन्होंने प्रश्नकाल से पहले ही माफी मांग ली क्योंकि मानगढ़ पर लाखों की संख्या में आदिवासी समाज एकत्रित हो रहा है. - राजकुमार रोत

राजकुमार रोत ने कहा,"यह कहीं-ना-कहीं आदिवासियों के विरोध की वजह से ही दिख रहा है. मदन दिलावर जी को अगर इस्तीफ़ा ही देना होता तो विवाद के दो-चार दिन बाद ही माफी मांग लेते. दो महीने हो गए, और आज ही के दिन उन्होंने प्रश्नकाल से पहले ही माफी मांग ली क्योंकि मानगढ़ पर लाखों की संख्या में आदिवासी समाज एकत्रित हो रहा है. ये प्रदर्शन भील प्रदेश की मांग को लेकर है, लेकिन साथ ही मदन दिलावर ने जो कहा था उसे लेकर आदिवासी समाज ही नहीं दूसरे समाज में भी आक्रोश है."

राजकुमार रोत ने साथ ही कहा कि ये माफी कहीं ना कहीं पार्टी के दबाव में मांगी गई है और 'हम चाहेंगे कि वह अपने पद से इस्तीफा दें'.

मदन दिलावर
Photo Credit: @madandilawar

क्या है ये पूरा विवाद

मदन दिलावर के बयान को लेकर विवाध की शुरुआत राजकुमार रोत के एक इंटरव्यू में कही गई बातों से हुई थी. जून में लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बनने के कुछ ही दिन बाद राजकुमार रोत ने इस इंटरव्यू में कहा था कि वह खुद को हिंदू नहीं मानते क्योंकि वह आदिवासी हैं और आदिवासियों का धर्म हिंदू नहीं है.

राजकुमार रोत के इस बयान पर खासा विवाद हुआ था. इसी दौरान 22 जून को राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने एक इंटरव्यू में कहा था कि अगर बीएपी नेता अपने आप को हिंदू नहीं मानते हैं तो उन्हें अपना डीएनए टेस्ट करवाकर पता लगाना चाहिए कि वो हिंदू पिता के बेटे हैं कि नहीं. उनका यह बयान खूब वायरल हुआ और इससे राजस्थान की राजनीति गरमा गई.

उनके बयान के बाद 29 जून को राजकुमार रोत ने अपने समर्थकों के साथ जयपुर में मदन दिलावर के आवास पर जाकर अपना डीएनए टेस्ट करवाने की कोशिश की थी. हालांकि उन्हें रोक दिया गया. राजकुमार रोत ने मदन दिलावर के बयान को आदिवासी समाज का अपमान बताते हुए कहा कि उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है और उन्हीं का डीएनए टेस्ट करवाया जाना चाहिए.

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