Rajasthan New CM: आज मिलेगा राजस्थान को नया 'मुखिया', वसुंधरा फिर या कोई नया चेहरा, बनेंगे दो डिप्टी CM!

Rajasthan New CM:MP में OBC और छत्तीसगढ़ में ST के मुख्यमंत्री बने हैं. अगर इसी पैटर्न को फॉलो किया जाएगा तो राजस्थान में अगड़ी जाति या अनुसूचित जाति में से कोई मुख्यमंत्री का चहेरा हो सकता है. SC के चहरे के तौर पर भाजपा पे पास अर्जुनराम मेघवाल हैं लेकिन उन्होंने विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा.

विज्ञापन
Read Time: 16 mins

Rajasthan New CM: राजस्थान में मुख्यमंत्री का चेहरा तय करने की जद्दोजहद का पटाक्षेप आज हो जाएगा. चुनाव नतीजों के आए आज 9वां दिन हो गए हैं. ऐसे में मंगलवार को प्रदेश को नया मुख्यमंत्री मिलने की उम्मीद है. भाजपा ने सभी विधायकों को जयपुर में रहने के निर्देश दिए हैं. दोपहर 1 बजे भाजपा मुख्यालय में विधायक मिलेंगे उसके बाद शाम 4 बजे विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री का नाम तय हो जाएगा. इस पूरे प्रोसेस की निगरानी के लिए भाजपा ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, विनोद तावड़े और सरोज पांडे को पर्यवेक्षक बना के भेजा है. 

सवाल वही, कौन बनेगा CM?

मुख्यमंत्री तो आज मिल जाएगा, लेकिन आज सुबह तक भी इस बात का कोई संकेत नहीं है कि वो होगा कौन? भाजपा ने छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में तमाम सियासी पंडितों के विश्लेषणों को धराशाई करते हुए नए चेहरों को मौका दिया है. उनमें भी वो जिनकी किसी ने उम्मीद नहीं की थी. क्या राजस्थान में भी ऐसा संभव हो सकता है? हालांकि यहां एक दर्जन नामों की चर्चा पहले से ही चल रही है.

Advertisement

विधायक या गैर-विधायक और दो डिप्टी CM? 

मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में CM और डिप्टी CM विधायकों में से ही बनाये गए हैं. ऐसे में राजस्थान में भी विधायकों में से ही मुख्यमंत्री का चेहरा हो सकता है. वहीं दो डिप्टी CM भी हो सकते हैं. जिनमें लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जातिगत समीकरणों का ध्यान रखा जाएगा. 

Advertisement

जातिगत समीकरणों को साधने की होगी कोशिश 

MP में OBC और छत्तीसगढ़ में ST के मुख्यमंत्री बने हैं. अगर इसी पैटर्न को फॉलो किया जाएगा तो राजस्थान में अगड़ी जाति या अनुसूचित जाति में से कोई मुख्यमंत्री का चहेरा हो सकता है. SC के चहरे के तौर पर भाजपा के पास अर्जुनराम मेघवाल हैं. लेकिन उन्होंने विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा. मेघवाल के जरिये भाजपा दलित वोटरों को साध सकती है. इस कॉम्बिनेशन में दो डिप्टी CM जाट, सवर्ण या आदिवासी में से होने संभावना है.

Advertisement

मालूम हो कि प्रदेश की करीब 65 विधानसभा सीट ऐसी हैं, जहां जाट मतदाता जीत-हार में अहम किरदार अदा करता है. वहीं प्रदेश की 25 लोकसभा सीटों में से 8 सीटों पर जाटों का दबदबा है. वहीं गुर्जर और मीणा समुदायों की बात करें तो इन दो जातियों को इस कॉम्बिनेशन में शामिल करने से भाजपा दक्षिण-पूर्वी राजस्थान के वोटरों को साधने में कामयाब हो सकती है. प्रदेश की कम से कम 7 लोकसभा सीटों पर इन जातियों का सर है. भाजपा के पास सचिन पायलट जैसा कोई प्रदेश स्तर का गुर्जर नेता नहीं है, ऐसे भी भाजपा इस अवसर को उसे हासिल करने के लिए भुना सकती है. 

यह भी पढ़ें- LIVE: राजस्थान को आज मिलेगा नया मुख्यमंत्री, दोपहर 1 बजे जयपुर में होगी विधायक दल की बैठक