जोधपुर के MDM अस्पताल में बदल गए नवजात, DNA रिपोर्ट से असल माता-पिता की हुई पुष्टि

स्टाफ की लापरवाही की वजह से लड़के पर दूसरे का टैग और लड़की पर दूसरे का टैग लग गया. इसके बाद लड़के-लड़की के बदले जाने को लेकर अस्पताल में खूब हंगामा हुआ. एफटीए पर ब्लड सैंपल की जांच से बच्ची के असली माता-पिता की पुष्टि हुई.

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जोधपुर के MDM अस्पताल में नवजात बदलने का विवाद सुलझा

Rajasthan News: राजस्थान के जोधपुर में एक अस्पताल में स्टाफ की घोर लापरवाही सामने आई है. अस्पताल में स्टाफ की लापरवाही के कारण नवजात बदल गए. इसके बाद अस्पताल में जमकर हंगामा देखने को मिले. हालांकि, DNA जांच के बाद नवजात के बदलने का सच भी सामने आ गया है. अस्पताल अधीक्षक ने बताया कि जांच कमेटी रिपोर्ट के बाद जिम्मेदार स्टाफ के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा.

बुधवार को पैदा हुए थे नवजात

दरअसल, जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल में बुधवार को दो महिलाओं ने नवजात को जन्म दिया था. स्टाफ की लापरवाही की वजह से लड़के पर दूसरे का टैग और लड़की पर दूसरे का टैग लग गया. इसके बाद लड़के-लड़की के बदले जाने को लेकर अस्पताल में खूब हंगामा हुआ. 

जांच से बच्ची के माता-पिता की हुई पहचान 

अस्पताल में नवजात के बदलने पर जब हंगामा ज्यादा बढ़ गया तो अस्पताल प्रशासन ने बच्चों के डीएनए का कराने का फैसला किया. इसके बाद शुक्रवार को सुबह जोधपुर से सैंपल भेजे गए. फिर शनिवार दोपहर 12:30 बजे रिपोर्ट शास्त्री नगर एसएचओ को मिली. एफएसएल निदेशक डॉ. अजय शर्मा के मुताबिक, एफटीए पर ब्लड सैंपल की जांच से बच्ची के असली माता-पिता की पुष्टि हुई.

टैगिंग में स्टाफ की चूक

रिपोर्ट में सामने आया कि बेटी पीपाड़ निवासी ममता पत्नी राकेश नागौरा की है, जबकि बेटा खारड़ा रणधीर निवासी विमला पत्नी अशोक का है. अधीक्षक डॉ. विकास राजपुरोहित ने कहा कि रिकॉर्ड में शुरू से सही था, टैगिंग में स्टाफ की चूक हुई. डॉ. राजपुरोहित ने बताया कि जिम्मेदार स्टाफ पर कमेटी (डॉ. रेखा जाखड़, डॉ. दीपक टाक, मैट्रन कंचन रावल) की रिपोर्ट के बाद एक्शन होगा.

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