Dausa News: फर्जी सिलिकोसिस प्रमाण पत्र बनाने के मामले में सरकार ने 9 डॉक्टरों को एपीओ कर दिया गया है. इन 9 लोगों में कार्रवाई में दौसा जिले के 6 डॉक्टरों समेत अन्य जिलों के 3 डॉक्टर और 2 चिकित्सा कर्मचारी शामिल हैं. दरअसल दौसा जिले में सिलिकोसिस मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही थी, जिसके बाद चिकित्सा विभाग को लगातार चिकित्सकों द्वारा मिलीभगत कर रोगियों को फर्जी तरीके सिलिकोसिस के प्रमाण पत्र जारी करने की शिकायतें भी मिल रही थी. जिसकी जांच के लिए सरकार ने कमेटी बनाई तो फर्जी प्रमाण पत्र बनाने का मामले सामने आये.
गुरुवार को संयुक्त शासन सचिव निमिष गुप्ता ने एक आदेश जारी कर, डॉक्टर बत्तीलाल मीणा, डॉक्टर देवीनारायण शर्मा प्रमुख विशेषज्ञ (मेडिसिन), डॉक्टर मनोज कुमार ऊंचवाल वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी (टीबी), डॉक्टर प्रेमकुमार मीना चिकित्सा अधिकारी (मेडिसिन), डॉक्टर घनश्याम मीना उप निदेशक (रेडियो) जिला अस्पताल दौसा, डॉक्टर दिनेश कुमार वरिष्ट विशेषज्ञ (मेडिसिन) जिला अस्पताल महुवा दौसा, डॉक्टर प्रह्लाद कुमार दायमा कनिष्ठ विशेषज्ञ (टीबी) जिला अस्पताल सीकर, डॉक्टर मानप्रकाश सैनी चिकित्सा अधिकारी (रेडियो) उपजिला अस्पताल चौमूं जयपुर और डॉक्टर विजयप्रकाश माहेश्वरी चिकित्सा अधिकारी (रेडियो) जिला अस्पताल भीलवाड़ा को एपीओ किया है.
शिकायतें मिलने पर किया था कमेटी का गठन
बढ़ते मरीजों की शिकायतें मिलने पर करोड़ों रुपए के घोटाले की आशंका के चलते प्राचार्य और मेडिकल कॉलेज जयपुर द्वारा राज्य स्तरीय चेस्ट रीडियोग्राफ कमेटी का गठन किया गया था, उसके बाद दौसा जिला कलेक्टर द्वारा मामले की जांच के लिए एक जिला स्तरीय कमेटी का गठन किया गया. कमेटी ने सिलिकोसिस मामले की बारीकी से जांच करने के दौरान सिलिकोसिस मामले में बड़ा घोटाला होने की परतें खुली.
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त शासन सचिव निमिषा गुप्ता ने बताया कि सिलिकोसिस बीमारी में बांटे गए फर्जी प्रमाण पत्रों की शिकायतें आने के बाद राज्य स्तरीय और जिला स्तरीय कमेटी बनाकर जांच की गई. जांच में फर्जी तरीके से रोगियों को सिलिकोसिस बीमारी के प्रमाण पत्र जारी करने की बात सामने आई.
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