राजस्थान: एक हैंडपंप के भरोसे सैंकड़ों लोग, महीने का 4000 का बिजली बिल; सिस्टम की सच्चाई बता रहीं ये तस्वीरें

समस्याओं को लेकर कई बार नगर परिषद और विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधियों को भी अवगत कराया जा चुका है, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला.

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मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहे लोग

Rajasthan News: राजसमंद नगर परिषद के वार्ड नंबर 5 पलेंवा मंगरी आजादी के 8 दशक बाद भी बिजली, पानी और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. केवल इतना ही नहीं 10 वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा खुले में शौच की प्रवृत्ति को बंद करने के प्रयासों को भी मुंह चिढ़ा रही है. इसका कारण है कि एक पहाड़ी क्षेत्र की चरागाह जमीन पर बसी इस बस्ती में बिजली विभाग ने कुछ लोगों को स्थाई बिजली कनेक्शन दिया है.

3 से 4 हजार का आ रहा बिल

कुछ को बिजली खम्भे पर मीटर लगाकर अस्थाई कनेक्शन दिए गए हैं. मजे की बात तो यह है कि अस्थाई कनेक्शन वालों का मासिक बिल 3 से 4 हजार रुपये आ रहा है, जो इनके बस की बात नहीं है कि वहन कर सके. 200 मकानों की इस आबादी में न रोड लाइट है, न मकान में बिजली का कनेक्शन.

एक हैंडपंप के भरोसे लोग

केवल इतना ही नहीं, यहां बने मकानों में निजी शौचालय नहीं है. इसके अलावा सामुदायिक शौचालय भी नहीं बनाए गए हैं.  पेयजल की लाइन ही नहीं बिछाई गई है. इसलिए केवल एक हैंडपंप के भरोसे सभी लोग पानी की जरूरत को पूरा करते हैं. अब पानी नहीं होने से शौचालय का उपयोग भी नहीं हो पाता और लोग खुले में सोच करने को मजबूर है.

डेढ़ किमी घूमकर जाते स्कूल

उचित सड़क नहीं होने से स्कूली बच्चों को डेढ़ किलोमीटर दूर घूम कर स्कूल जाना पड़ता है. इन समस्याओं को लेकर कई बार नगर परिषद और विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधियों को भी अवगत कराया जा चुका है, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला. मजबूरन आज सभी महिलाएं समाजसेवी दुर्गा गायरी के सानिध्य में कलेक्ट कार्यालय पहुंची और जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर इन समस्याओ का स्थाई समाधान की मांग की.

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