Rajasthan Politics: फोन टैपिंग पर गहलोत ने दी सीएम भजनलाल शर्मा को नसीहत तो शेखावत बोले- उन्हें बोलने का मोरल अधिकार नहीं

Ashok Gehlot: पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि भजनलाल सदन के नेता हैं, मुख्‍यमंत्री हैं और गृहमंत्री भी हैं. उनको मेरी तरह बात कहने का भाव क्‍यों नहीं आया.

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Rajasthan Phone Tapping: राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा (Kirodi Lal Meena) के आरोप के बाद वार-पलटवार शुरु हो गया है. पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को सलाह दी तो केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने तंज कस दिया. उन्होंने पूर्ववर्ती सरकार पर फोन टैपिंग प्रकरण के आरोप और लोकेश शर्मा के बयानों का हवाला देते हुए उन्होंने गहलोत को जमकर घेरा. शेखावत ने यहां तक कहा कि गहलोत को फोन टैपिंग के बारे में बोलने का मोरल अधिकार नहीं है.

उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि गहलोत साहब को तो फोन टैपिंग के बारे में चर्चा करने का मोरल अधिकार भी नहीं है. जिन लोगों ने इस तरह के पाप किए हैं, वो अब दूसरों की तरफ देखें, उनको यह अधिकार नहीं है." उनके ही पूर्व ओएसडी लोकेश शर्मा ने दिल्ली न्यायालय में शपथपूर्वक बयान देकर कहा कि खुद गहलोत ने फोन टैपिंग की थी. मुझे खुद उन्होंने फोन टैपिंग देकर लीक करने को कहा."

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गहलोत ने सीएम भजनलाल शर्मा से पूछे थे सवाल

किरोड़ी लाल मीणा के आरोपों पर बोलते हुए गहलोत ने कहा था कि मेरी सरकार में भी फोन टैप‍िंग के आरोप लगे थे. पूरा व‍िपक्ष इस्‍तीफा मांग रहा था. मैंने खुद खड़े होकर कहा था कोई भी MP-MLA का फोन टैप ना हुआ है, ना ही हो रहा है और ना कभी होगा. उन्होंने नसीहत भरे अंदाज में कहा था, "भजनलाल सदन के नेता हैं, मुख्‍यमंत्री हैं और गृहमंत्री भी हैं. उनको मेरी तरह बात कहने का भाव क्‍यों नहीं आया. क्यों उन्होंने स्पष्ट नहीं किया कि ऐसा फोन कोई टैप नहीं किया गया. किरोड़ी लाल मीणा की बात समाप्त हो जाती."

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गहलोत ने यह भी कहा था कि फोन टैप की परंपरा राजस्‍थान में नहीं रही है. कानून भी इजाजत नहीं देता है. एंटी सोशल एलिमेंट्स हो या जिन पर राजद्रोह का काम करने का आरोप हो, उनके फोन टैप होते हैं. इस पूरे प्रकरण में सवाल खड़े करते हुए पूर्व सीएम ने पूछा कि मंत्री जवाहर सिंह हाउस के बाहर बोल रहे हैं. हाउस के अंदर क्यों नहीं बोल रहे हैं? इसका जवाब मुख्यमंत्री दें. 

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उन्होंने नसीहत भरे अंदाज में कहा था, "भजनलाल सदन के नेता हैं, मुख्‍यमंत्री हैं और गृहमंत्री भी हैं. उनको मेरी तरह बात कहने का भाव क्‍यों नहीं आया. क्यों उन्होंने स्पष्ट नहीं किया कि ऐसा फोन कोई टैप नहीं किया गया. किरोड़ी लाल मीणा की बात समाप्त हो जाती."

गृह राज्य मंत्री ने टैपिंग की बात से किया इनकार

इधर, भजनलाल सरकार में गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने गुरुवार को दावा किया है कि किरोड़ी लाल मीणा ने खुद बताया है कि उनका फोन टैप नहीं हुआ है. ऐसे में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को इस मुद्दे पर सदन में जवाब देने की कोई आवश्यकता ही नहीं है. 

किरोड़ी लाल मीणा के इस बयान से शुरू हुआ विवाद

दरअसल, इस पूरे विवाद की शुरुआत 6 फरवरी को आयोजित एक जनसभा में कृषि मंत्री के बयान से हुई थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि मैं आशा करता था कि जब राज बदलेगा तो भ्रष्टाचार करने वालों पर नकेल कसेंगे. मुंह का खाया हुआ नाक से निकालेंगे. लेकिन मैं निराश हूं. जो आंदोलन पिछले राज में मैंने किए, जिनके कारण हम सत्ता में आए, उन मुद्दों पर काम नहीं हो रहा. उन्हें भुला दिया गया है. मैंने भ्रष्टाचार के कुछ मामले बीच में उठाए थे. 50 फर्जी थानेदारों को गिरफ्तार किया गया. 

किरोड़ी लाल मईणआ ने आरोप लगाए थे, "मैंने जब कहा कि ये परीक्षा रद्द करो, तो सरकार ने मेरी बात नहीं मानी. उल्टा सरकार की तरफ से जैसा पिछले राज में हुआ करता था. वैसा ही हो रहा है. चप्पे-चप्पे पर मेरे लिए सीआईडी लगाई जा रही है और मेरा टेलीफोन भी रिकॉर्ड किया जा रहा है."

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