मुंबई पुलिस कार्रवाई के बाद हरकत में जोधपुर NCB, लोकल पुलिस को फेल बताते हुए कहा- रोका नहीं गया तो नियंत्रण से बाहर होगी स्थिति

रेंज आईजी विकास कुमार ने भी माना कि लोकल पुलिस की कमी रही है. बाहर की पुलिस ने आकर यहां कार्रवाई की है. जो हमारी कमी को कहीं ना कहीं दर्शाता है. इसको लेकर अब अधिकारियों की मीटिंग ली है. अब पुलिस भी एक्शन के मूड में है.

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ड्रग्स तस्करों के खिलाफ एक्टिव मोड में जोधपुर की पुलिस

Rajasthan News: जोधपुर और आसपास के इलाकों में एमडी ड्रग्स बनाने की फैक्ट्रियों के एक बाद एक खुलासे हो रहे हैं. 2 सप्ताह में हुई कार्रवाई ने जहां एजेंसियों की नींद उड़ा दी है. लेकिन स्थानीय पुलिस पूरी तरह से खाली हाथ रही है. उन्हें भनक तक नहीं लगी कि उनके क्षेत्र में एमडी बनाने की फैक्ट्रियां तक लग गई हैं. रविवार को मुंबई पुलिस ने मोगड़ा में बड़ी कार्रवाई को अंजाम देकर पुलिस को एक तरह से चुनौती दे दी है. NCB जोधपुर के जोनल डायरेक्टर घनश्याम सोनी का कहना है कि क्षेत्र एमडी बनाने का हब बनता जा रहा है. इस पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो स्थितियां नियंत्रण से बाहर हो जाएगी.

बाहर से पुलिस को आकर लेना पड़ा एक्शन

इधर रेंज आईजी विकास कुमार ने भी इसे गंभीरता से लिया है. उन्होंने कहा कि जब गीदड़ की मौत आती है तो शहर की और भागता है. उन्होंने माना कि लोकल पुलिस की कमी रही है. बाहर की पुलिस ने आकर यहां कार्रवाई की है. जो हमारी कमी को कहीं ना कहीं दर्शाता है. इसको लेकर अब अधिकारियों की मीटिंग ली है. अब पुलिस भी एक्शन के मूड में है. इसको लेकर हमने काम शुरू कर दिया है. जल्द हमारा एक्शन भी होगा. 

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तस्करों की संपत्ति होगी जब्त

एनसीबी के जोनल डायरेक्टर सोनी का कहना है कि तस्करों पर कार्रवाई के लिए जरूरी है कि एनडीपीएस की धारा 68—एफ के तहत ड्रग्स की कामर्शियल क्षमता यानी करीब 50 ग्राम एमडी के साथ कोई गिरफ्तार होता है तो उसकी व्यक्ति की संपत्ति की जांच कर जब्त की जा सकती है. ऐसी कार्रवाई ही तस्करों और पैडलर की कमर तोड़ सकती है. इसकी शुरूआत उन्होंने कर दी है. लेकिन सभी को करनी चाहिए. जिससे तस्करी पर भी लगाम लगेगी.

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इन सिंथेटिक केमिकल से बनती है एमडी

दरअसल एमडी का निर्माण पूरी तरह से इंडस्ट्रीयल कैमिकल्स से हो रहा है. जिनको प्रतिबंध नहीं किया जा सकता. जो आसानी से मिल जाते हैं. एमडी बनाने में मिथाइलमिन, मिलाइलमिन हाइड्रोक्लोराइड, मिथाइल ब्रोमो प्रोपिओफिनोन के अलावा टोलोविन, मिथाइलोन हाइड्रोक्लोराइड एसिड का उपयोग किया जाता है. इनका अंतिम उत्पादन एमडी ड्रग्स होता है, जो एक से 2 करोड़ रुपये प्रति किलो बिकती है.

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400 करोड़ से अधिक ड्रग जब्त

एनसीबी और गुजरात एटीएस ने पिछले महीने गुजरात और राजस्थान में ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए कई फैक्ट्रियां पकड़ी थी. जिनसे करीब 3 सौ करोड़ की ड्रग्स बरामद हुई थी. उस कार्रवाई में सिरोही में सामने आई फैक्ट्री में मौके से 45 करोड़ की ड्रग जोधपुर NCB ने बरामद की थी. इसके बाद ओसियां में मिली फैक्ट्री में भी जांच के बाद एमडी बनाना साबित हो गया.

रविवार को मुंबई पुलिस ने 100 करोड़ से अधिक का माल पकड़ा. जिसमें एमडी डेढ किलो थी. लेकिन रसायन भारी मात्रा में मिला. जो बताता है कि क्षेत्र में सिंथेटिक ड्रग बनाना कितना आसान होता जा रहा है. एनसीबी का मानना है कि समय रहते उत्पादन पर नियंत्रण नहीं हुआ तो क्षेत्र के लिए बड़ी परेशानी हो जाएगी.

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