राजस्थान पुलिस ने ब्लाइंड मर्डर केस का किया पर्दाफाश, 18 साल की सजा काट कर लौटा था मास्टर माइंड

जयपुर की पुलिस ने ब्लाइंड मर्डर केस में आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिसमें से एक आरोपी नाबालिक है और एक आरोपी 18 साल की सजा काटकर जेल से बाहर आया है.

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(प्रतीकात्मक तस्वीर)

Jaipur Blind Murder Case: राजस्थान पुलिस ने फरवरी महीने में हुए ब्लाइंड मर्डर केस का पर्दाफाश कर दिया. जयपुर में नशे की लत की वजह से लोगों को लूटने वाले आरोपियों ने ऑटो चालक की हत्या की थी. धौलपुर निवासी मजीद खान जयपुर में रहकर ऑटो चलाते थे. 5 फरवरी की रात आरोपियों ने उन्हें सिंधी कैंप बस स्टैंड के पास रोका और उसमें सवार हुए. आरोपियों ने ऑटो चालक से लूट की योजना बनाई थी. आरोपी किराए की ऑटो लेकर उसे ईदगाह तक लेकर आए.

ईदगाह के पास एक खड़ी बस की आड़ में उसे रोका और उससे पैसे मोबाइल छीन कर भागने लगे. ऑटो चालक ने इसका विरोध किया तो आरोपियों ने ऑटो चालक के साथ गंभीर रूप से मारपीट की और उसे मौके पर छोड़कर भाग गए. आरोपियों ने ऑटो चालक का गला इतनी जोर से दबाया, जिससे उसकी मृत्यु हो गई. 

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ऑटो चालकों और आम लोगों को बनाते थे शिकार

घटना की जांच के लिए गलता गेट थानाध्यक्ष लिखाराम के नेतृत्व में टीम गठित की. पुलिस ने घटनास्थल के पास एवं जयपुर शहर के करीब 500 से अधिक सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगाली. साथ ही 200 से अधिक ऑटो चालकों से पूछताछ की. सीसीटीवी फुटेज तकनीकी जांच और पूछताछ के आधार पर पुलिस ने नशेड़ियों की पहचान की, जो इस वारदात में शामिल थे. पुलिस इस मुकाम पर पहुंच चुकी थी कि यह निर्मम हत्या इन्हीं नशेड़ियों ने की है जो घटनास्थल के आसपास ही रहते थे. साथ ही नशे की लत की वजह से ऑटो चालकों और आम लोगों को लूटते रहे थे. 

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18 साल की सजा काटकर बाहर आया था आरोपी

पुलिस ने अब मामले के दो आरोपियों मोहम्मद बाबुल, यूसुफ कुरैशी उर्फ सोनू को गिरफ्तार कर लिया है. तीसरा आरोपी बाल सुधार गृह में बंद है. इन पर पूर्व में भी आपराधिक मामले दर्ज थे. इनमें से एक अपराधी बाबुल 1994 में मालवीय नगर थाना इलाके में हुई डकैती में शामिल था. बाबुल 2 साल पहले ही 18 साल की जेल की सजा काटकर वापस आया था. बाबुल ने हत्या के आरोपियों से फोन लिया था और उन्हें छिपने की जगह दी थी.

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बाल सुधार गृह में निरुद्ध एक आरोपी

बाबुल पर पूर्व से 4 मुकदमे दर्ज हैं और सोनू पर 2 मुकदमे दर्ज हैं. एक अन्य आरोपी अभी बाल सुधार गृह में निरुद्ध है. पुलिस उससे भी पूछताछ कर रही है. जयपुर उत्तर सहायक पुलिस आयुक्त हरिशंकर शर्मा ने बताया कि घटना में किसी पर शक नहीं था. किसी से दुश्मनी की बात भी सामने नहीं आई थी. ऐसे में पूरी जांच सीसीटीवी, ऑटो चालकों से पूछताछ एवं तकनीकी आधार पर की गई और टीम को उसमें सफलता मिली है.

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