साइबर फ्रॉड को लेकर राजस्थान पुलिस ने जारी की एडवाइजरी, ठगी से बचने के उपाय

एसपी साइबर क्राइम शांतनु कुमार सिंह ने बताया कि साइबर अपराधी नकली वेबसाइट, मैलवेयर और फिशिंग हमलों का उपयोग करके लोगों को निशाना बना रहे हैं.

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प्रतीकात्मक फोटो

Cyber Fraud Rajasthan: राजस्थान में साइबर फ्रॉड का मामला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. लगातार करोड़ों के फ्रॉड के मामले सामने आ रहे हैं. वहीं बैंक अकाउंट में सेंधमारी कर आम लोगों से पैसे लूटे जा रहे हैं. ऐसे में राजस्थान पुलिस जालसाजों को पकड़ने के लिए अभियान चला रही है. जिसमें काफी संख्या में अपराधियों को पकड़े गए हैं. वहीं राजस्थान पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने मालवेयर हैकिंग और साइबर धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों के मद्देनजर आम जनता के लिए एक महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी की है. इस एडवाइजरी का उद्देश्य लोगों को संभावित साइबर हमलों से सचेत करना और उनसे बचने के उपाय बताना है.

मालवेयर बढ़ा रहा है खतरा

एसपी साइबर क्राइम शांतनु कुमार सिंह ने बताया कि साइबर अपराधी नकली वेबसाइट, मैलवेयर और फिशिंग हमलों का उपयोग करके लोगों को निशाना बना रहे हैं. ये हमले आमतौर पर स्मार्टफोन, लैपटॉप, बैंकिंग ऐप्स या सोशल मीडिया के माध्यम से लिंक भेजकर किए जाते हैं. एक बार जब उपयोगकर्ता इन लिंक पर क्लिक करता है, तो मैलवेयर उसके डिवाइस में प्रवेश कर जाता है, जिससे उसकी व्यक्तिगत और वित्तीय जानकारी खतरे में पड़ जाती है.

ई-स्कैन बोट रिमूवल ऐप का उपयोग 

एडवाइजरी में ऐसे हमलों से बचने के लिए एक सरल और प्रभावी तरीका सुझाया गया है: ई-स्कैन बोट रिमूवल ऐप का उपयोग करके अपनी डिवाइस को स्कैन करना. अपने मोबाइल या कंप्यूटर में ई-स्कैन बोट रिमूवल ऐप खोलें और मुख्य स्क्रीन पर 'स्कैन' का विकल्प चुनें. फुल स्कैन विकल्प पर टैप करें, स्कैन पूरा होने पर, ऐप एक रिपोर्ट दिखाएगा जिसमें पाए गए बॉट्स, मैलवेयर या संदिग्ध फ़ाइलों की जानकारी होगी. रिपोर्ट के आधार पर आप Remove या Delete बटन दबाकर इन हानिकारक फ़ाइलों को हटा सकते हैं. इस प्रक्रिया को नियमित रूप से दोहराने से आपका डिवाइस सुरक्षित रहेगा.

यदि आप इस तरह की किसी भी साइबर धोखाधड़ी का शिकार होते हैं, तो तुरंत निकटतम पुलिस स्टेशन, साइबर पुलिस स्टेशन या साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल https://cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट दर्ज कर सकते हैं. इसके अलावा साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 या साइबर हेल्पडेस्क नंबर 9256001930/9257510100 पर भी संपर्क कर सकते हैं. 

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