Rajasthan Govt Schem: राजस्थान में सरकार बदलने के साथ ही योजनाओं को बंद करने का चलन पुराना रहा है. मौजूदा सरकार भी उसी राह पर पर चल रही है. भजनलाल सरकार ने पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार की एक और योजना बंद कर दी है. 2022 में शुरू की गई मुख्यमंत्री क्षेत्रीय विकास योजना को सरकार ने बंद करने का फैसला किया है. इस योजना का सौ करोड़ का बजट था. बताया जा रहा है कि इसकी जगह भजनलाल सरकार एक नई योजना लेकर आएगी. अगले बजट में उसकी घोषणा हो सकती है. हालांकि यह पहली योजना नहीं है जो बंद हुई.
सबसे पहले स्मार्टफोन योजना पर लगा ग्रहण
सरकार बदलते ही सबसे पहला ग्रहण गहलोत सरकार की इंदिरा गांधी स्मार्टफोन योजना पर लगा. अपने कार्यकाल के आखिरी दिनों में गहलोत सरकार ने 1 करोड़ 30 लाख से अधिक महिलाओं को स्मार्टफोन देने का फैसला किया था. आचार संहिता लगने से पहले कैंप लगाकर यह फोन बांटे जा रहे थे.
आचार संहिता के बाद बंद हो गई योजना
आचार संहिता के बाद यह बंद हो गई. तब कैंप से हंगामे की और रोती हुई महिलाओं तस्वीरें खूब वायरल हुई थीं. नई सरकार बनने पर विधायकों ने इसको लेकर सवाल पूछे थे तो सरकार ने कहा था कि योजना का मूल्यांकन कर फैसला किया जाएगा. बाद में यह योजना बंद कर दी गई.
गहलोत सरकार की वो योजनाएं, जिन्हें भजनलाल सरकार ने बंद किया या बदला
- इंदिरा गांधी स्मार्टफोन योजना - बंद
- राजीव गांधी युवा मित्र कार्यक्रम - बंद
- चिरंजीवी योजना को बदलकर आयुष्मान आरोग्य योजना
- इंदिरा रसोई का नाम बदल कर अन्नपूर्णा रसोई
- इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना का नाम बदल कर मुख्यमंत्री शहरी रोजगार गारंटी योजना
- राजीव गांधी स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस का नाम विवेकानंद स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस
- मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना का नाम बदल कर पन्नाधाय बाल गोपाल योजना
- इंदिरा गांधी के नाम पर संचालित महिला सशक्तिकरण की 3 योजनाओं को मर्ज कर कालीबाई भील संबल योजना
- मुख्यमंत्री क्षेत्रीय विकास योजना- बंद
राजीव गांधी युवा मित्र कार्यक्रम भी बंद, काफी हुआ विरोध
राजीव गांधी युवा मित्र कार्यक्रम को भी बंद कर दिया गया. इसको लेकर युवा मित्रों ने खूब आंदोलन भी किए लेकिन सरकार ने इसे चालू नहीं किया. गहलोत सरकार ने सरकारी योजनाओं के प्रचार प्रसार के लिए यह कार्यक्रम शुरू किया था. 5 हजार युवा मित्र योजनाओं का प्रचार कर रहे थे. कार्यक्रम के बंद होने से वे सभी बेरोजगार हो गए.
चिरंजीवी योजना भी बंद, अब आयुष्मान आरोग्य योजना
गहलोत सरकार की फ्लैगशिप योजना चिरंजीवी योजना को बंद कर राजस्थान में आयुष्मान आरोग्य योजना शुरू की गई. इसको लेकर खूब आरोप प्रत्यारोप हुए थे. भाजपा ने कहा था कि प्रदेश में कोई ऐसा लाभार्थी नहीं है जिसे 25 लाख का बीमा मिला हो. कांग्रेस ने इसे बंद करने पर कई सवाल उठाए थे.
गहलोत सरकार की आखिरी 6 महीने के फैसलों की समीक्षा के लिए कमेटी गठित
इसके अलावा कई फैसलों की समीक्षा भी सरकार ने शुरू की. गहलोत सरकार के आखिरी छह महीने के फैसलों की समीक्षा के लिए कैबिनेट सब कमिटी बनाई. नए जिले बनाने के फैसले की भी समीक्षा की गई. और कई योजनाओं का नाम भी बदला गया है.
इंदिरा रसोई बदलकर अन्नपूर्णा रसोई योजना
प्रधानमंत्री की मौजूदगी में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इंदिरा रसोई का नाम बदल कर अन्नपूर्णा रसोई करने का फैसला किया था. इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना का नाम बदल कर मुख्यमंत्री शहरी रोजगार गारंटी योजना किया गया.
इंदिरा गांधी के नाम पर चल रही तीन योजनाएं मर्ज, नाम भी बदला
ऐसे ही इंदिरा गांधी के नाम पर संचालित महिला सशक्तिकरण की 3 योजनाओं को मर्ज कर कालीबाई भील संबल योजना किया गया. सरकार के साल भर पूरे होने के हैं. इससे पहले यह फैसले हुए हैं. देखना होगा कि सरकार आगे और किन किन योजनाओं में बदलाव करती है.
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