Rajasthan Politics: अपनी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा को लेकर बीजेपी ने कड़ा एक्शन लिया है. राजस्थान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने एक्शन लेते हुए सोमवार को किरोड़ी लाल मीणा को नोटिस भेजा है. यह नोटिस बीते दिनों भजनलाल सरकार पर एक के बाद एक कई आरोपों को लेकर जारी किया गया है. किरोड़ी लाल मीणा का नोटिस दिए जाने के बाद राजस्थान की सियासत भी गरमा गई है. कांग्रेस ने भजनलाल सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि दाला में कुछ काला है. वहीं, मदन राठौड़ के नोटिस को लेकर किरोड़ी लाल ने कहा कि इसके बारे में जानकारी नहीं है.
मंत्री पद से इस्तीफे का भी जिक्र
मदन राठौड़ ने किरोड़ी लाल मीणा को भेजे नोटिस में कहा कि आप बीजेपी के सदस्य हैं और भाजपा के टिकिट पर सवाई माधोपुर क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हुए हैं. आप राजस्थान सरकार में मंत्री भी हैं. बीते दिनों मंत्री परिषद से इस्तीफे की सूचना समाचार पत्रों में प्रकाशन के लिए उपलब्ध करवाई और भाजपा सरकार पर आपके टेलीफोन टैप करने का आरोप लगाया जो असत्य है.
किरोड़ी लाल के बयानबाजी पर नोटिस
सार्वजनिक रूप से आपने बयान देकर बीजेपी सरकार की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का काम किया है. ऐसे में आपके बयान को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पार्टी के संविधान के हिसाब से अनुशासनहीनता माना है. नोटिस में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने आगे लिखा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश के अनुसार, कारण बताओ नोटिस भेजा जा रहा है. किरोड़ी लाल मीणा को कारण बताओ नोटिस जवाब तीन दिन के अंदर देने को कहा गया है.
किरोड़ी को नोटिस पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया
किरोड़ी लाल मीणा को बीजेपी की तरफ से नोटिस देने पर कांग्रेस के टीकाराम जूली ने सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि जब 7 फरवरी को मंत्री बेढ़म ने कहा कि उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं सुना, तो अब भाजपा अध्यक्ष मदन राठौड़ कैसे कह सकते हैं कि किरोड़ी मीणा का बयान असत्य है? उन्होंने कहा कि भाजपा खुद ही अपने बयानों में फंस रही है और यह स्पष्ट है कि दाल में कुछ काला है.
जासूसी के आरोप पर विपक्ष ने किया हंगामा
दरअसल, मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने अपनी ही सरकार पर फोन टेपिंग और जासूसी के आरोप लगाए थे. उन्होंने दावा किया था कि सरकार उनकी गतिविधियों पर नजर रख रही है. सार्वजनिक कार्यक्रम में दिए इस बयान से भाजपा के भीतर हलचल मच गई और पार्टी ने इसे अनुशासनहीनता माना. इस मुद्दे पर कांग्रेस ने सदन में जमकर हंगामा किया था.