Rajasthan Politics: लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने 195 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट बीते शनिवार को जारी की थी. इस लिस्ट में राजस्थान के 15 सीटों से भी उम्मीदवारों की घोषणा की गई थी. प्रदेश की 25 में से घोषित 15 उम्मीदवारों में भाजपा ने पांच सांसदों का टिकट काट. जिसमें चूरू के मौजूदा सांसद राहुल कस्वां भी शामिल हैं. राहुल कस्वां का टिकट काटकर पार्टी ने देवेंद्र झाझरिया को टिकट दिया है. इससे राहुल कस्वां नाराज हैं. सोशल मीडिया पर नाराजगी भरा पोस्ट लिखने के बाद शुक्रवार को कस्वां ने चूरू में समर्थकों की भारी भीड़ के सामने पार्टी को फिर चैलेंज किया. राहुल कस्वां के कांग्रेस में जाने को लेकर भी लगातार अटकलें तेज हैं. चर्चा है कि कांग्रेस उन्हें चूरू सीट से लोकसभा टिकट दे सकती है.
विरोधियों पर सांसद राहुल कस्वां ने किया कटाक्ष
चूरू जिले के राजगढ़ स्थित अपने आवास पर राहुल कस्वां शक्ति प्रदर्शन किया और पार्टी को बागी तेवर दिखाए हैं. उनकी रैली के बाद कयास हैं कि वे चूरू से भाजपा के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं. राहुल कस्वां ने जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि आगे की डगर मुश्किल है, हमारे सामने कई चुनौतियां आएंगी, क्या आप उसके लिए तैयार हैं? राहुल ने कहा कि आपका फैसला मुझे पता लग गया ह. मुझे दो दिन का टाइम दो, मैं वादा करता हूं कि आपकी इच्छा पूरी करूंगा.
हार-जीत नहीं जनता के लिए लड़े चुनाव
राहुल कस्वां ने कहा कि हमारा परिवार 1977 से राजनीति में हैं. 33 साल पहले भैरोंसिंह शेखावत ने मेरे पिता को संसद में जाने का अवसर दिया, जबकि पहले वे सिर्फ सरपंच थे. हमने हार-जीत के लिए चुनाव नहीं लड़े, बल्कि जनता के काम करवाने, सुख-दुख में साथ देने और विकास के लिए लड़े.
राठौड़ पर बोले- खुद जयचंदों से घिरे हुए हैं
राहुल कस्वां ने राजेंद्र राठौड़ का नाम लिए बगैर कहा कि जो दूसरों को जयचंद बताते हैं, वे खुद जयचंदों से घिरे हुए हैं. बता दें कि चुरू की तारानगर सीट से भाजपा के दिग्गज नेता राजेंद्र राठौड़ चुनाव हार गए थे. कहा गया कि हार के पीछे सांसद राहुल कस्वां का हाथ है. इसी कारण से कस्वां की भाजपा ने अब टिकट काट दी.
राहुल ने पूछा- क्या मैं ईमानदार नहीं
अपना दर्द व्यक्त करते हुए सांसद ने सभा में आगे सवाल पूछते हुए कहा की क्या उनकी ईमानदारी, कड़ी मेहनत, समर्पण के बारे में कोई संदेह है या क्या वह दागी है. आखिर मेरा गुनाह क्या था...?' क्या मैं निष्ठावान नहीं था ? क्या मैं दागदार था ? क्या मैंने चूरू लोकसभा में काम करवाने में कोई कमी छोड़ दी थी ? मा. प्रधानमंत्री जी की सभी योजनाओं के क्रियान्वयन में, मैं सबसे आगे था. ओर क्या चाहिए था ? जब भी इस प्रश्न को मैंने पूछा,सभी निरुत्तर और निःशब्द रहे. कोई इसका उत्तर नही दे पा रहा. शायद मेरे अपने ही मुझे कुछ बता पाएं.'
वही अब आगामी दो दिन चूरू की राजनीति के लिए बेहद खास होने वाले हैं. लेकिन जिस अंदाज में आज राहुल कस्वां ने अपने तेवर दिखाए उससे जाहिर होता हैं कि राहुल को कहीं से आश्वासन मिल चुका हैं. सांसद राहुल कस्वा लोकसभा का चुनाव लड़ने जा रहे हैं. अब देखना है कि कांग्रेस उन्हें कांग्रेस टिकट देती है या नहीं.
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