Rajasthan Politics: मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के इस्तीफे से भाजपा को उप-चुनाव में होगा नुकसान? समझें सियासी गणित

Kirori Lal Meena: किरोड़ी लाल मीणा को राजस्थान होने वाले विधानसभा उप-चुनाव में नई जिम्मेदारी मिली है. किरोड़ी लाल मीणा को दौसा विधानसभा सीट का प्रभारी बनाया गया है. 

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Kirori Lal Meena: कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है हालांकि, अभी उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है. किरोड़ी लाल मीना, मीना समाज के बड़े नेता माने जाते हैं. देवली-उनियारा, दौसा, और चौरासी सीट पर भाजपा को नुकसान उठाना पड़ सकता है. क्योंकि, इस सीट पर किरोड़ी लाल मीणा का ठीक प्रभाव माना जाता है. यहां आदिवासी की संख्या अधिक है. 

किरोड़ी लाल मीणा दौसा विधानसभा सीट के प्रभारी

भाजपा ने 1 जुलाई को उपचुनाव के लिए प्रभारियो को घोषणा की थी.  किरोड़ी लाल मीणा को दौसा विधानसभा सीट का प्रभारी बनाया गया था. इनके साथ उप-मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा, पूर्व मंत्री डॉ. अरूण चतुर्वेदी और प्रदेश उपाध्यक्ष प्रभुलाल सैनी को जिम्मेदारी दी गई है. किरोड़ी लाल मीणा ने ऐसे समय में इस्तीफे का ऐलान किया जब बजट सत्र चल रहा है. विपक्ष को घेरने का मौका भी मिल गया. 

तीन विधानसभा सीट पर किरोड़ी लाल का अच्छा प्रभाव   

राजस्थान के पांच विधायक सांसद बन गए, इसकी वजह से पांच विधानसभा सीट खाली हो गईं. इन सीटों पर अब चुनाव होंगे. देवली-उनियारा, दौसा, चौरासी, झुंझूनूं और खींवसर विधानसभा सीट पर उप-चुनाव होंगे. देवली-उनियारा, दौसा और चौरासी सीट पर आदिवासी वोटर हैं. इन सीटों पर किरोड़ी लाल मीना का अच्छा प्रभाव माना जाता हैं.  

ये पांच विधायक जो बने सांसद 

ये 5 विधायक हरीश मीणा, मुरारीलाल मीणा, राजकुमार रोत, हनुमान बेनीवाल और बृजेंद्र ओला इस बार सांसद बने. हरीश मीणा ने टोंक-सवाईमाधोपुर लोकसभा सीट, मुरारीलाल मीणा दौसा और बृजेंद्र ओला झुंझुनूं लोकसभा सीट पर अपना परचन लहराया. यह तीनों कांग्रेस पार्टी से सांसद चुने गए हैं. 

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