Rajasthan Politics: राजस्थान में कॉन्स्टिट्यूशन क्लब के पुनः उद्घाटन को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कड़ा हमला बोला है. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि जब इस क्लब का उद्घाटन उनकी सरकार में पहले ही हो चुका था, तो दोबारा उद्घाटन करने की क्या जरूरत थी?.
उन्होंने कहा कि तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल की मौजूदगी में इसका उद्घाटन किया गया था.
37 हजार से 1 लाख करोड़ का हुआ बाड़मेर रिफाइनरी प्रोजेक्ट
गहलोत ने कहा कि बीजेपी सरकार सिर्फ कांग्रेस को श्रेय न मिले, इसलिए योजनाओं को ठप कर देती है. उन्होंने बाड़मेर रिफाइनरी का जिक्र करते हुए कहा कि यह प्रोजेक्ट जब कांग्रेस की सरकार में 37,000 करोड़ रुपये में शुरू हुआ था, लेकिन बीजेपी ने इसे पांच साल तक रोके रखा.
बाद में जब दोबारा उद्घाटन किया गया, तब तक इसकी लागत एक लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई. उन्होंने आरोप लगाया कि इसी मानसिकता के तहत गांधी वाटिका को भी एक साल तक बंद रखा गया था.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को नहीं जाना चाहिए
गहलोत ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से इस कार्यक्रम से दूर रहने की अपील की. उन्होंने कहा, “अभी भी समय है, ओम बिरला जी को खुद ऐसे प्रोग्राम में भाग नहीं लेना चाहिए. जिस प्रकार से गोविंद डोटासरा जी ने कहा है, मैं भी मानता हूं कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है.
राजस्थान में बना सबसे शानदार कॉन्स्टिट्यूशन क्लब
गहलोत ने कहा कि राजस्थान में देश का सबसे शानदार कॉन्स्टिट्यूशन क्लब बनाया गया है, जो केवल दिल्ली के क्लब के स्तर का है. इसका उद्देश्य पत्रकारों, साहित्यकारों, पूर्व नौकरशाहों, सेवानिवृत्त न्यायधीशों, राजनेताओं और बुद्धिजीवियों के लिए एक मंच उपलब्ध कराना था. लेकिन बीजेपी सरकार ने इसे एक साल तक बंद रखा और अब दोबारा शुभारंभ कर श्रेय लेने की कोशिश कर रही है.
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