Rajasthan News: लोकसभा चुनाव के बाद से राजस्थान कांग्रेस की सियासत में सचिन पायलट सर्वमान्य नेता बनते जा रहे हैं. 2020 में सियासी बगावत के बाद राजनीतिक तौर पर उनके सियासी भविष्य को लेकर सवाल खड़े करने वाले पॉलिटिकल पंडितों को भी अब उनमें राजस्थान कांग्रेस का भविष्य साफ दिखाई देने लगा है. कभी सचिन पायलट को छोड़कर गहलोत खेमे में गये नेता भी अब फिर से पायलट के खेमे में लौटने लगे हैं. यहां तक कि राजस्थान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी इन दिनों सचिन पायलट की नेतृत्व क्षमता की तारीफ में बयान दे रहे हैं.
पूर्व विधायक दानिश अबरार ने पायलट से मांगी माफी
सचिन पायलट कल सवाईमाधोपुर के दौरे पर थे, जहां आयोजित एक जनसभा में पूर्व विधायक दानिश अबरार ने पायलट का साथ छोड़ने की अपनी गलती को सार्वजनिक तौर पर मानते हुए कहा कि सचिन पायलट हमारे नेता हैं और हम पूरी तरीके से उनके साथ हैं. दानिश अबरार ने कहा कि वह गुर्जर समाज से माफी मांगते हैं और भविष्य में भी वह पायलट के साथ खड़े रहेंगे.
पायलट खेमा छोड़ थामा था अशोक गहलोत का साथ
गौरतलब है कि दानिश अबरार उन तीन विधायकों में से एक थे जो सियासी संकट के दौरान मानेसर में पायलट खेमे से जयपुर लौटे थे. अशोक गहलोत ने कई बार सार्वजनिक मंचों पर कहा था कि अगर दानिश और दो अन्य विधायकों ने उन्हें समय पर सूचना नहीं दी होती तो राजस्थान में सरकार गिर सकती है. दानिश अबरार उन चंद विधायकों में से एक थे जिन्होंने राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन के लिए सचिन पायलट को डटे रहने की सलाह दी थी. बाद में उन्होंने खुद ही पाला बदल लिया और अशोक गहलोत के खेमे में चले गए.
सचिन पायलट में नेतृत्व क्षमता है- हरीश चौधरी
इसके अलावा पश्चिमी राजस्थान के कद्दावर कांग्रेस नेता और बायतु से विधायक हरीश चौधरी ने भी इससे पहले एक इंटरव्यू में कहा है कि सचिन पायलट में नेतृत्व क्षमता है. इसीलिए आलाकमान ने उन्हें 36 साल की उम्र में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाया था. वे पार्टी को 21 सीटों से 100 सीटों तक ले गए. राजस्थान में उनके कारण कांग्रेस की सरकार बनी. उनकी क्षमताओं पर किसी को कोई संदेह नहीं है. हरीश चौधरी का यह बयान इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि राजस्थान में अशोक गहलोत से उनकी उनकी सियासी अदावत जगजाहिर है.
वहीं लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के बेहतर प्रदर्शन का श्रेय सचिन पायलट को भी दिया गया. फिलहाल वे कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हैं और कांग्रेस के स्टार प्रचारक के तौर पर देशभर में चुनावी दौरे पर निकलते हैं. इन सबके बीच पायलट अपने विधानसभा क्षेत्र टोंक और राजस्थान की अन्य सीटों पर भी लगातार सक्रिय हैं. पायलट की सक्रियता के बीच उनके साथ नेताओं की बढ़ती संख्या अशोक गहलोत के लिए अच्छी खबर नहीं है, जो बीमारी के चलते अभी बेड रेस्ट पर हैं.
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