Diya Kumari condemns Rahul Gandhi's article: राजस्थान की उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर हमला बोला है. उन्होंने भारत के पूर्व राजपरिवारों को बदनाम करने का आरोप लगाया. दिया कुमारी (Diya Kumari) ने राहुल गांधी के एक लेख पर यह हमला बोला है, जिसमें कांग्रेस सांसद ने केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना की थी. दरअसल, राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने केंद्र सरकार की नीतियों पर घेरते हुए लेख लिखा था. उनका कहना था कि ईस्ट इंडिया कंपनी ने राजाओ-नवाबों के साथ साझेदारी कर देश पर कब्जा किया था. ठीक उसी तरह आज एकाधिकारवादियों के साथ केंद्र सरकार का गठजोड़ है. इसी मुद्दे पर डिप्टी सीएम ने राहुल गांधी को आड़े हाथ लेते हुए पूर्व राजपरिवारों को बदनाम करने और ऐतिहासिक तथ्यों की अधूरी व्याख्या करने का आरोप लगाया था.
जानिए दीया कुमारी ने क्या कहा
दिया कुमारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस लेख को शेयर करते हुए इसकी निंदा की. उन्होंने लिखा, "मैं आज अपने संपादकीय में श्री राहुल गांधी द्वारा भारत के पूर्व राजपरिवारों को बदनाम करने के प्रयास की कड़ी निंदा करती हूं. एकीकृत भारत का सपना भारत के पूर्व राजपरिवारों के बलिदान के कारण ही संभव हो पाया. ऐतिहासिक तथ्यों की आधी-अधूरी व्याख्या के आधार पर लगाए गए निराधार आरोप पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं."
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर भी शेयर किया था लेख
राहुल गांधी ने इस लेख को सोशल मीडिया पर भी शेयर किया था. उन्होंने लिखा, 'ईस्ट इंडिया कंपनी ने हमारे देश के राजाओं और नवाबों के साथ साझेदारी कर, उन्हें रिश्वत देकर या फिर डरा-धमकाकर इस देश पर नियंत्रण किया. उन्होंने हमारे देश के बैंकिंग, प्रशासनिक और सूचना तंत्र पर नियंत्रण किया. हम किसी देश से अपनी आजादी नहीं हारे बल्कि हमें एक एकाधिकारवादी निगम ने हराया और फिर दमनकारी तंत्र चलाया. अब मूल ईस्ट इंडिया कंपनी तो खत्म हो गई है, लेकिन अब उसकी जगह एकाधिकारवादियों की नई नस्ल ने ले ली है.'
संस्थानों पर एकाधिकारवाद की कहते हुए केंद्र पर कसा था तंज
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने केंद्र सरकार पर तंज कसा था और साथ ही एकाधिकारवाद का भी आरोप लगाया. उन्होंने लिखा 'हमारे संस्थान अब हमारे लोगों के नहीं हैं, वे एकाधिकारवादियों के इशारे पर चलते हैं. लाखों व्यवसाय नष्ट हो गए हैं और भारत अपने युवाओं के लिए रोजगार पैदा नहीं कर पा रहा है. अपना भारत चुनें: निष्पक्ष खेल या एकाधिकार? नौकरियां या कुलीनतंत्र? भारत माता अपने सभी बच्चों की मां हैं. उनके संसाधनों और सत्ता पर कुछ लोगों का एकाधिकार भारत मां को चोट पहुंचाता है. आप एकाधिकारवादियों द्वारा राज्य के साथ सांठगांठ करके आपके क्षेत्र में घुसने और आपको कुचलने से डरते हैं? आयकर, सीबीआई या ईडी के छापों से डरते हैं जो आपको अपना व्यवसाय उन्हें बेचने के लिए मजबूर करेंगे? वे आपको हराने के लिए खेल के नियमों को बीच में ही बदल देंगे?'
यह भी पढ़ेंः "अफसोस मैं जिंदा कैसे हूं", दिव्या मदेरणा बोलीं- क्या मुझे कुएं में डूबकर मर जाना चाहिए