भाजपा और कांग्रेस को चुनौती देंगे रविंद्र भाटी और रोत? राजस्थान की राजनीति में नया गठजोड़

Rajasthan Politics:  आदिवासी अधिकार दिवस पर शिव विधानसभा में विधायक रविंद्र भाटी और BAP सांसद राजकुमार रोत ने एक साथ रोड शो किया. राजकुमार रोत ने तस्वीर शेयर की तो एक नई चर्चा शुरू हो गई. 

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Rajasthan Politics: राजस्थान के 6 विधानसभा में उप-चुनाव होने वाले हैं. सभी पार्टियां अपनी-अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं. इसी बीच रविवार (1 सितंबर) को आदिवासी अधिकार दिवस पर निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी, कांग्रेस सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल और BAP सांसद राजकुमार रोत एक साथ रोड शो किया. समर्थकों ने तीनों का जोरदार स्वागत किया. तीनों नेताओं के साथ दिखने से सियासी अटकलें लगई जा रही हैं. 

रविंद्र भाटी BAP में हो सकते हैं शामिल, अटकलें तेज  

सबसे अधिक चर्चा रविंद्र सिंह की राजनीति को लेकर हो रही है. राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू हो गई की रविंद्र सिंह भाटी BAP के साथ जा सकते हैं. साथ ही प्रेशर पॉलिटिक्स की चर्चाएं जोर पकड़ने लगी हैं. हालांकि, रविंद्र सिंह भाटी ने अभी तक किसी पार्टी में शामिल होने पर अपने पत्ते नहीं खोले हैं. उनका अपनी राजनीति की शुरुआत से कहना है की वे किसी पार्टी के गुलाम नहीं हैं. निर्दलीय ही मजबूत हैं. निर्दलीय ही है जो जनता की आवाज मजबूती के साथ उठा सकते हैं.

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क्या रविंद्र सिंह भाटी वाकई में किसी पार्टी में शामिल होंगे?

रविंद्र सिंह भाटी इन दिनों राजनीति की नई बिसात बिछाते हुए नजर आ रहे हैं. या यूं कहें बाड़मेर जैसलमेर की राजनीति के अब तक के नए राजनीतिक समीकरण बनाने के प्रयास करते हुए नजर आ रहे हैं. लेकिन, राजनीतिक जानकर इसे प्रेशर पॉलिटिक्स भी बता रहे हैं. आने वाला समय ही बताएगा ये प्रेशर पॉलिटिक्स है या पश्चिमी राजस्थान की राजनीति में युवाओं की भागीदारी के बाद नया बदलाव है. 

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भाजपा की ओर भाटी का था झुकाव 

रविंद्र सिंह भाटी ने विधानसभा और लोकसभा चुनावों में निर्दलीय चुनाव लड़ा था. विधानसभा का चुनाव तो उन्होंने जीत लिया. लेकिन, लोकसभा का चुनाव हार गए. लोकसभा चुनाव से पहले भाटी का झुकाव भाजपा की ओर था. लेकिन, पार्टी ने  भाव नहीं दी, तो भाटी ने जनसंपर्क शुरू करते हुए देव दर्शन यात्रा निकाली. यात्रा को जबरदस्त जनसमर्थन मिलता देख भाजपा ने सुलह की पहल की.

सीएम भाटी को मनाने का किए थे प्रयास 

भाटी को जयपुर बुलाया गया, जहां से सीएम भजनलाल शर्मा खुद भाटी को अपने साथ उदयपुर लेकर गए. मनाने के प्रयास किए. बात बन भी सकती थी. लेकिन, दूसरे दिन जलदाय विभाग ने विधायकों की अनुशंसा पर सेंशन होने वाले हैंडपंप की तथाकथित सूची सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिसमें विधायक रविंद्र सिंह भाटी की अनुशंसा पर सिर्फ 2 हैंडपंप और भाटी के सामने जमानत जब्त करवाने वाले भाजपा प्रत्याशी की अनुशंसा पर 20 हैंडपंप सेंशन किए गए.

बाड़मेर जैसलमेर हार को बीजेपी ने अहम की लड़ाई बना लिया 

इस घटना को भाटी ने अपने अहम लेते हुए लोकसभा चुनाव में कूद पड़े. खुद भी हारे और भाजपा प्रत्याशी को तीसरे स्थान पर धकेल दिया. लोकसभा चुनाव में बाड़मेर जैसलमेर में बुरी तरह से हारी  भाजपा ने अपनी अहम की लड़ाई बना लिया. प्रदेश सरकार ने बजट में शिव विधानसभा क्षेत्र के लिए भी कोई विशेष घोषणा नहीं की,  जिसके बाद से रविंद्र सिंह भाटी और उनके समर्थक राजनीतिक दुर्भावना के चलते दरकिनार करने का आरोप लगा रहे हैं. ऐसे में रविंद्र सिंह भाटी की रविवार को कांग्रेस नेताओं के मंच पर मौजूदगी और वामन मेश्राम की पार्टी बीएमपी के साथ नजदीकी को राजनीतिक जानकर नए समीकरण कम और प्रेशर पॉलिटिक्स ज्यादा बता रहे हैं.

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