Rajasthan Politics: बालोतरा में धरने पर बैठे रविंद्र सिंह भाटी का बड़ा बयान, "...चाहे हमें गिरफ्तार कर लो"

Ravindra Singh Bhati Dharna: बालोतरा SP कार्यालय के आगे धरने पर बैठे रविंद्र सिंह भाटी ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने ने कहा कि कल मतदान के समय मैंने पुलिस और प्रशासन को कई बूथ पर धांधली और मारपीट की सूचना दी थी, लेकिन पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया. वहीं हमारे समर्थकों की गाड़ियां जब्त कर ली गई.

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बालोतरा एसपी ऑफिस के बाहर रविंद्र सिंह भाटी धरने पर बैठ गए.

Rajasthan News: बाड़मेर लोकसभा सीट पर 26 अप्रैल को मतदान के बाद एक दूसरे के समर्थकों के साथ हुई मारपीट को लेकर आज रविंद्र सिंह भाटी ने बालोतरा SP कार्यालय के सामने समर्थकों के साथ धरना दिया. भाटी ने पुलिस प्रशासन पर राजनीतिक दबाव के कारण पक्षपात के आरोप लगाए, उन्होंने कहा, "कल (26 अप्रैल) मतदान के समय मैंने पुलिस और प्रशासन को कई बूथ पर धांधली और मारपीट की सूचना दी थी. लेकिन, पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया." 

रविंद्र सिंह भाटी बोले-पुलिस और प्रशासन से जवाब मांगने आया हूं

रविंद्र सिंह भाटी ने कहा, "हमारे समर्थकों की गाड़ियां जब्त की गई हैं. हमारे मतदाताओं के साथ हुई मारपीट की घटना पर भी कोई कदम नहीं उठाया गया. पुलिस और प्रशासन दबाव के तहत कार्य कर रह रहा था. आज मैं पुलिस और प्रशासन से कल की घटना का जवाब मांगने आया हूं. जब तक कोई जवाब नहीं मिलेगा, तब तक हम SP कार्यालय के सामने से नहीं हटेंगे. चाहे पुलिस हमें गिरफ्तार कर ले." एसपी कार्यालय के सामने बड़ी संख्या में समर्थकों के धरने के बाद दौरान एसपी कार्यालय के बाद बाहर सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए हैं. मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस जब्त भी तैनात है. 

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बूथ एजेंट को धक्के माकर निकाला

भाटी ने शुक्रवार को प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि बायतु विधानसभा में उनके पोलिंग एजेंट को बूथ से बाहर निकाल दिया गया. ईवीएम पर मेरे नाम के आगे एक लेबल लगा दिया गया ताकि मुझे वोट न मिले. मेरे लिए वोट करने आए प्रवासियों की गाड़ियों को रोक दिया गया. मुझे हराने के लिए चाहे कितने भी हथकंडे अपनाए जाएं, मैंने अपने मतदाताओं के दिलों में जगह बना ली है. तुम मुझे उन दिलों से कैसे निकालोगे?'

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अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा, "बायतु विधानसभा के अंदर मेरे एजेंटों को बूथ से बाहर निकाला जा रहा है और वोटिंग मशीन पर मेरे नाम के आगे लेबल लगा दिया गया है. ये कैसा लोकतंत्र है? आखिर प्रशासन किसके दबाव में काम कर रहा है. बायतु विधानसभा के अंदर मेरे एजेंटों को बूथो से बाहर निकाला जा रहा है और वोटिंग मशीन पर मेरे नाम पर पट्टी लगाई जा रही है. यह कैसा लोकतंत्र है? आखिर प्रशासन किसके दबाव में काम कर रहा है."   

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